ईईएसएल ने उजाला और स्ट्रीटलाइटिंग नेशनल प्रोग्राम के साथ भारतीय प्रकाश क्षेत्र में बदलाव के 8 साल पूरे किए
- अभी तक उजाला के अंतर्गत 36 करोड़ से अधिक एलईडी बल्बों और ट्यूबलाइट्स वितरित किए जा चुके हैं
- एसएलएनपी के अंतर्गत ईईएसएल ने 2024 तक अतिरिक्त 1.6 करोड़ ऊर्जा कुशल एलईडी स्ट्रीटलाइट्स लगाने की योजना बनाई है
नई दिल्ली : ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का संयुक्त उद्यम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) अपने प्रमुख कार्यक्रमों उन्नत ज्योति बाय अफोर्डेबल एलईडी फॉर ऑल (उजाला) और स्ट्रीट लाइटिंग नेशनल प्रोग्राम (एसएलएनपी) की 8वीं वर्षगांठ मना रहा है। बीते वर्षों में ईईएसएल ने अपने ऊर्जा कुशल समाधानों के माध्यम से, विशेष रूप से प्रकाश क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रभाव डालने का बीड़ा उठाया है।
उजाला ने भारत में एलईडी प्रौद्योगिकी को तेजी से अपनाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। ईईएसएल ने राज्यों, नगर निकायों और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के सहयोग से व्यापक स्तर पर परिवर्तन लाने के लिए अनूठी रणनीति तैयार की है। पे-एज़-यू-सेव (PAYS) मॉडल का उपयोग करके, यह अपने खर्च पर पारंपरिक लाइट्स को एलईडी में बदलती है, इसमें नगर पालिकाओं को किसी तरह के अग्रिम निवेश की आवश्यकता नहीं होती है, जो एलईडी अपनाने को और भी आकर्षक और किफायती बनाता है।
ईईएसएल की रणनीति ने पूरी आपूर्ति श्रृंखला में उत्तरोतर प्रभाव पैदा किया है, जिससे विनिर्माताओं की एक श्रृंखला के लिए बड़े पैमाने पर किफायती उत्पादन के लिए अनुकूल स्थिति को बढ़ावा मिला। इसने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के साथ घरेलू एलईडी बाज़ार को विकसित करने और मजबूती प्रदान करने में मदद की और एलईडी विनिर्माताओं को एक सुदृढ़ व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने में सक्षम बनाया।
ईईएसएल के मुख्य कार्याधिकारी श्री विशाल कपूर ने कहा, ‘‘उजाला और स्ट्रीटलाइटिंग नेशनल प्रोग्राम की आज 8वीं वर्षगांठ है। इस पूरी यात्रा के दौरान ईईएसएल ऊर्जा कुशल एलईडी लाइटिंग को सुर्खियों में लाने में सफल रही है। इसके अलावा, हमने नवीनीकृत ऊर्जा के उपयोग में सुधार लाने, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को व्यापक रूप से अपनाने और ऊर्जा कुशल तकनीकी प्रगति के साथ विद्युत क्षेत्र में बदलाव लाने पर ध्यान केंद्रित किया है। 2015 में इसकी स्थापना के बाद से, हमने उजाला के अंतर्गत 36 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब वितरित किए हैं और एसएलएनपी के तहत् 1.3 करोड़ से अधिक एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई हैं। दोनों ही कार्यक्रम देश में सामाजिक, आर्थिक और पारिस्थितिक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण उत्प्रेरक बन गए हैं। ये भारत में किफायती और ऊर्जा कुशल एलईडी लाइटिंग को सभी के लिए सुलभ बनाने में सहायक रहे हैं।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘भारत के सुदूरवर्ती इलाकों में रहने वाले हजारों नागरिकों को उनकी ऊर्जा खपत पर बेहतर नियंत्रण और मौद्रिक बचत में वृद्धि करके जीवन स्तर में सुधार लाकर उन्हें सशक्त बनाया गया है। ईईएसएल ने मूल रूप से भारत के नागरिकों के एलईडी बल्बों को देखने के तरीके को बदल दिया है। पहले उन्हें बड़े पैमाने पर किफायती उत्पादन के माध्यम से व्यापक तौर पर सस्ता बनाया और फिर इस लागत लाभ का उपयोग कम बिजली बिल और बेहतर प्रकाश गुणवत्ता के संदेश को बढ़ावा देने में किया है।’’
अब तक उजाला कार्यक्रम के तहत् 36 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब और ट्यूबलाइट्स वितरित किए जा चुके हैं। इसके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 48.42 अरब किलोवाट घंटा (kWh) की अनुमानित ऊर्जा की बचत हुई है, साथ ही 9,789 मेगावाट (MW) की अधिकतम मांग (पीक डिमांड) को कम करने में मदद मिली है; ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) के उत्सर्जन में प्रति वर्ष 39.30 मिलियन टन कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) में कमी आने और उपभोक्ता के बिजली बिलों में 19,333 करोड़ रुपये की वार्षिक मौद्रिक बचत का अनुमान है।
स्ट्रीटलाइटिंग नेशनल प्रोग्राम (एसएलएनपी) को 2015 में शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य रात में सड़कों को रोशन करके भारत में सड़क सुरक्षा में सुधार लाना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत ईईएसएल अपने खर्च पर पारंपरिक स्ट्रीटलाइट्स को एलईडी लाइटिंग में बदलती है, जिसके लिए नगर पालिकाओं को कोई अग्रिम निवेश करने की आवश्यक नहीं होती है। यह सर्विस मॉडल नगर पालिकाओं को बिना किसी अग्रिम पूंजी लागत और ईईएसएल के प्रति बिना पुनर्भुगतान दायित्व के अत्याधुनिक एलईडी स्ट्रीटलाइट्स को अपनाने की अनुमति देता है, जिससे ऊर्जा-कुशल एलईडी स्ट्रीटलाइट्स के सञ्चालन के लिए अतिरिक्त राजस्व व्यय की आवश्यकता नहीं होती है।
अभी तक, ईईएसएल ने पूरे भारत में शहरी स्थानीय निकायों और ग्राम पंचायतों में 1.27 करोड़ से अधिक एलईडी स्ट्रीटलाइट्स सफलतापूर्वक स्थापित की हैं। इसके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 8.58 अरब किलोवाट घंटा (kWh) की अनुमानित ऊर्जा बचत के साथ 1,429 मेगावाट (MW) की अधिकतम मांग (पीक डिमांड) को कम किया गया है, ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) के उत्सर्जन में प्रति वर्ष 5.90 मिलियन टन कार्बन डाइ ऑक्साइड (CO2) में कमी आने और नगर पालिकाओं को बिजली बिलों में 6,004 करोड़ रुपये की अनुमानित वार्षिक मौद्रिक बचत हुई है।
एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के बारे में
भारत मंत्रालय के विद्युत मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यरत एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) का गठन एनटीपीसी लिमिटेड, पावर फाइनेंस कार्पोरेशन, रूरल इलैक्ट्रिफिकेशन कार्पोरेशन और पावर ग्रिड की संयुक्त उपक्रम कंपनी के तौर पर, ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने वाली परियोजनाओं के क्रियान्वयन के उद्देश्य से किया गया था। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) एक सुपर एनर्जी सर्विस कंपनी (ईएससीओ) है, जो भारत के ऊर्जा दक्षता बाज़ार की क्षमताओं का भरपूर लाभ उठाने के लिए तत्पर है। फिलहाल इस बाज़ार का अनुमानित मूल्य 74,000 करोड़ रु है जो नवाचारी व्यावसायिक एवं कार्यान्यवन मॉडलों की मदद से, मौजूदा खपत के हिसाब से करीब 20 प्रतिशत तक की ऊर्जा बचत कर सकता है। साथ ही, यह राज्यों की वितरण कंपनियों (डिसकॉम), स्टेट डेवलपमेंट अथॉरिटीज़ (एसडीए) एवं नई एनर्जी सर्विस कंपनियों (एस्को), वित्तीय संस्थानों आदि के क्षमता निर्माण के लिए भी संसाधन केंद्र की भूमिका निभाती है।