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कलेक्टर दफ्तर के बाहर मेरी बेटी को दरिंदों से बचा लो कहकर आत्मदाह करने लगी महिला

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कलेक्टर दफ्तर के बाहर मेरी बेटी को दरिंदों से बचा लो कहकर आत्मदाह करने लगी महिला

तमिलनाडु के विरुधुनगर की एक महिला ने कलेक्टर के पास स्थानीय पंचायत प्रमुख सेंथमराय के बेटे सुलेमान पर अपनी नाबालिग बेटी से एक साल तक यौन शोषण का आरोप लगाया है। महिला का आरोप है कि जब उन्होंने इस संबंध में आरोपी के पास जाकर शिकायत की तो उन्होंने उनके और उनके परिवारवालों के साथ मारपीट की और उनके कपड़े तक उतार दिए।

महिला का कहना है कि उसके पास मरने के अलावा और कोई चारा नहीं है। महिला ने कलेक्टर दफ्तर के बाहर आत्मदाह का प्रयास भी किया। महिला का आरोप है कि पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है क्योंकि वह सत्तारूढ़ डीएमके से जुड़ा है। महिला की वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए राज्य के भाजपा प्रमुख अन्नामलाई ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।

तमिलनाडु भाजपा प्रमुख अन्नामलाई ने बुधवार को ट्वीट के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा, "एक मां डीएमके पंचायत अध्यक्ष के बेटे के खिलाफ लड़ रही है और न्याय मांग रही है। आरोपी एक साल से अधिक समय तक उसकी बेटी का यौन शोषण कर रहा है। ये महिला अपनी बेटी के लिए इंसाफ मांगते हुए आत्मदाह का प्रयास भी कर रही है।"

अन्नामलाई ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में द्रमुक कार्यकर्ताओं के अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने पूछा “क्या किसी को न्याय पाने के लिए आत्मदाह करना चाहिए? मुख्यमंत्री के यह दावा करने से क्या लाभ है कि कानून-व्यवस्था उनके नियंत्रण में है जबकि उन्हें अपनी पार्टी के लोगों द्वारा किए गए अपराधों की चिंता नहीं है? अन्नामलाई ने महिला के परिवार के लिए न्याय की मांग की और इसमें शामिल लोगों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया तो बड़े पैमाने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

गौरतलब है कि एक महिला ने विरुधनगर में डीएम के ऑफिस पहुंचकर शिकायत की स्थानीय पंचायत प्रमुख सेंथमराय का बेटा सुलेमान पिछले एक साल से उसकी बच्ची का यौन शोषण कर रहा है। महिला का आरोप है कि सुलेमान ने उसकी बेटी को एक मोबाइल फोन जबरदस्ती देने की कोशिश की ताकि उनके बीच बात भी हो सके।

शिकायत में महिला का कहना है, 'यह जानकर हम फोन लेकर सुलेमान से मिलने चले गए। सुलेमान जो अपने रिश्तेदारों के साथ था, ने मुझे और मेरे पति को गाली दी और यहां तक ​​कि हम पर हमला किया और हमारे कपड़े उतार दिए।' इसके बाद बीती 10 अप्रैल को परिवार के लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। आरोप है कि वे 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे।

धमकी देने का आरोप

शिकायतकर्ता का आरोप है कि परिवार को पंचायत प्रमुख ने धमकी दी थी, जो सत्तारूढ़ द्रमुक से ताल्लुक रखता है। उन्होंने लड़की का अपहरण करने, उसकी मां, पिता और भाई को जान से मारने की धमकी भी दी है।