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भारत और चीन के बीच 11 मार्च को होगी 15वें दौर की सैन्‍य कमांडर स्‍तर की वार्ता

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भारत और चीन के बीच 11 मार्च को होगी 15वें दौर की सैन्‍य कमांडर स्‍तर की वार्ता

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच 2020 के मध्य में रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। तब से लेकर अब तक दोनों देशों में विवाद सुलझ नहीं पाया है। इस कारण दोनों देशों के बीच सैन्‍य कमांडर स्‍तर की वार्ता की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए 11 मार्च को कोर कमांडर स्तर की बैठक करने जा रहे हैं। बता दें कि दोनों देशों के बीच यह 15 वें दौर की बैठक होगी।

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि 15वें दौर की ये वार्ता 11 मार्च को भारतीय सीमा के अंदर चुशुल मोल्‍डो पर होगी। XIV कोर के कमांडर के रूप में पदभार संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल सेनगुप्ता ने 14वें दौर की वार्ता से कुछ दिन पहले कोर कमांडर के रूप में पदभार ग्रहण किया था और अक्टूबर में हुई पिछले दौर की बैठक का भी नेतृत्व किया था। 

सूत्रों ने बताया, 'दोनों पक्ष अब गतिरोध वाले क्षेत्रों के समाधान पर ध्यान केंद्रित करेंगे। दोनों पक्षों के हालिया बयान उत्साहजनक और सकारात्मक दिखते हैं, जिससे समाधान होते देखा जा सकता है।' 

कोर कमांडरों के बीच आखिरी दौर की बातचीत जनवरी में हुई थी, लेकिन पहले की तरह इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला। हालांकि, दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान में कहा था कि वे जल्द ही फिर मिलेंगे। वार्ता के अंतिम दिनों में, भारत पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 15 के समाधान की उम्मीद कर रहा है। पिछले साल जुलाई में, दोनों पक्ष गोगरा पोस्ट के पास पीपी17ए से अपने सैनिकों को वापस लेने पर सहमत हुए थे।

आरोप है कि चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों को देपसांग मैदानों में PP10, PP11, PP11A, PP12 और PP13 पर उनकी पारंपरिक गश्त सीमा तक पहुंचने से रोक रहे हैं, जो उत्तर में भारत के रणनीतिक दौलत बेग ओल्डी बेस के करीब है। वहीं, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के भारतीय हिस्से में चीनी सैनिकों के होने की भी बात कही जाती रही है। इसके अलावा, कुछ तथाकथित चीनी नागरिकों ने डेमचोक में एलएसी के भारतीय हिस्से में तंबू गाड़ दिए हैं और खाली करने से इनकार कर दिया है।