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Ukraine से 242 यात्रियों को लेकर एयर इंडिया का विमान दिल्ली हवाई अड्डे पहुंचा

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Ukraine से 242 यात्रियों को लेकर एयर इंडिया का विमान दिल्ली हवाई अड्डे पहुंचा

यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को लेकर एयर इंडिया की पहली फ्लाइट के मंगलवार रात 11: 30 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर पहुंची. टाटा समूह के नेतृत्व वाली एयर इंडिया के विशेष विमान ने यूक्रेन की राजधानी कीव से मंगलवार सुबह 7.30 बजे उड़ान भरी थी. इससे पहले विमान के रात करीब 10.15 बजे आईजीआई एयरपोर्ट के टी3 पर उतरने की संभावना जताई जा रही थी. इंडस्ट्री के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, उड़ान एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान पर 242 से अधिक यात्री सवार थे.

जानकारी के अनुसार एयरलाइन 24 26 फरवरी को कीव के लिए दो उड़ानें संचालित करेगी. उम्मीद है कि एयर इंडिया के अलावा अन्य भारतीय ऑपरेटर भी यूक्रेन के लिए विशेष उड़ान सेवाएं शुरू करेंगे. यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के भीतर दो अलगाववादी क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया है. यह कदम, कीव मास्को को सैन्य संघर्ष के करीब लाता दिख रहा है.


 

आपको बता दें कि पिछले हफ्ते, केंद्र ने भारत यूक्रेन के बीच उड़ानों सीटों की संख्या पर प्रतिबंध हटा दिया, जाहिर तौर पर रूस के साथ चल रहे तनाव के कारण पूर्वी यूरोपीय राष्ट्र में फंसे भारतीय छात्रों पेशेवरों की वापसी के लिए ऐसा किया गया. मंत्रालय ने पिछले हफ्ते एक बयान में कहा, "नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 'एयर बबल' व्यवस्था के तहत भारत यूक्रेन के बीच उड़ानों सीटों की संख्या पर प्रतिबंध हटा दिया है." इस प्रकार, चार्टर उड़ानों सहित कितनी भी उड़ानें अब दोनों देशों के बीच संचालित हो सकती हैं.


 

बयान में कहा गया है, "मांग में वृद्धि के कारण भारतीय एयरलाइंस को उड़ानें बढ़ाने के लिए सूचित किया गया है. मंत्रालय विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय में सुविधा प्रदान कर रहा है." केंद्र ने एक एडवाइजरी के माध्यम से यूक्रेन में भारतीयों को देश छोड़ने के लिए कहा था, लेकिन कथित तौर पर 20 फरवरी से पहले कोई उड़ान उपलब्ध नहीं थी. यूक्रेन में मौजूदा हालात को देखते हुए विदेश मंत्रालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, ताकि फंसे हुए भारतीयों को सूचना सहायता मुहैया कराई जा सके. भारत यूक्रेन के बीच यात्रा बबल समझौते के तहत शुरू हुआ है. इसके तहत प्रति सप्ताह एक निश्चित संख्या में उड़ानें संचालित हो सकती हैं। बबल समझौते पर हस्ताक्षर उस समय किए गए थे, जब कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अंतर्राष्ट्रीय यात्रा निलंबित कर दी गई थी.