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भूपेंद्र पटेल फिर से राज्य की संभालेंगे कमान, कांग्रेस के खाली रह गए हाथ

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गुजरात को फिर मिलेगा भूपेंद्र का साथ, कांग्रेस के खाली रह गए हाथ

गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मृदुभाषी चेहरा भूपेंद्र पटेल फिर से राज्य की कमान संभालेंगे। प्रदेश भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल ने गुरुवार को कहा कि पटेल 12 दिसंबर को फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। प्रदेश में भाजपा ने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) को शिकस्त देकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है। भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता भूपेंद्र पटेल ने नगर निकाय स्तर से राज्य की राजनीति में अपना मुकाम हासिल किया। पार्टी ने पिछले साल जब राज्य में पूरी ही सरकार को बदलने का फैसला किया था तब मुख्यमंत्री पद के लिए भूपेंद्र पटेल के चयन ने सबकों को चौंका दिया था। 

पार्टी ने विजय रूपाणी के स्थान पर भूपेंद्र पटेल का चयन किया था। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भूपेंद्र पटेल ने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल समेत कई अन्य को पछाड़ दिया था। सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री बनने से पहले भूपेंद्र पटेल को अहमदाबाद से बाहर कम ही लोग जानते थे। यहां तक कि उनसे पार्टी के अंदर भी ज्यादा लोग परिचित नहीं थे।

गुजरात में अपने आप को एक नेता के तौर पर स्थापित करने के लिए कड़े फैसले किए हैं। भाजपा पहले ही ऐलान कर चुकी थी की पार्टी को बहुमत मिलने पर भूपेंद्र पटेल ही राज्य के मुख्यमंत्री होंगे। ओपिनियन पोल्स (सर्वेक्षणों) में वह गुजरात का नेतृत्व करने के लिए लोगों की पहली पसंद के तौर पर उभरे थे। गुजरात में पाटीदार जाति का वर्चस्व है और अच्छी खासी संख्या में उसके मतदाता हैं और उनका राज्य की राजनीति पर प्रभाव है। उनका प्रभाव शिक्षा, रियलटी और सहकारिता क्षेत्रों पर है। 

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के कारण भाजपा 2017 में 99 सीटों पर सिमट गई थी। पार्टी ने 1995 के बाद सबसे कम सीटें जीती थी। पार्टी के लिए यह जरूरी था कि वह इस वर्ग का भरोसा फिर से जीते। पाटीदार के उपसमूह केडवा से ताल्लुक रखने वाले भूपेंद्र पटेल को तरक्की देकर और फिर मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाकर पार्टी ने केडवा पाटीदार समुदाय को रिझाने की योजना बनाई थी। कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है कि यह वर्ग पार्टी से दूर हो गया था। 

अहमदाबाद में जन्मे भूपेंद्र पटेल घाटलोडिया सीट से विधायक हैं। इस सीट से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विधायक रही थीं। भूपेंद्र पटेल ने 2017 में 1.17 लाख मतों के अंतर से यह सीट जीती थी। बृहस्पतिवार को घोषित हुए नतीजों के मुताबिक, भपेंद्र पटेल ने घाटलोडिया सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। 

पटेल ने 1.92 लाख मतों के अंतर से घाटलोडिया सीट पर जीत दर्ज की है। यह सीट गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है जिसका प्रतिनिधित्व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करते हैं। भूपेंद्र पटेल को बहुत से लोग प्यार से दादा बुलाते हैं। उन्हें आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है। भूपेंद्र पटेल 2015-2017 के बीच अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण के प्रमुख रह चुके हैं। इससे पहले वह 2010 से 2015 के बीच अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) की स्थायी समिति के प्रमुख रहे। 

सिविल इंजीनिरिंग में डिप्लोमा रखने वाले भूपेंद्र पटेल के करीबी लोगों का कहना है कि वह खुशमिज़ाज हैं और ज़मीन से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले वह स्थानीय स्तर पर सक्रिय थे और अहमदाबाद जिले की मेमनगर नगर निकाय के सदस्य बने। उन्होंने दो बार इसके प्रमुख के तौर पर सेवा दी। भूपेंद्र पटेल सरदारधाम विश्व पाटीदार केंद्र के न्यासी भी हैं। 

यह पाटीदार समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए समर्पित संगठन है। पटेल की शादी हेतलबेन से हुई है जो गृहणी हैं। उनका आवास अहमदाबाद के शिलाज इलाके में हैं।