Budget 2022:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बजट से आम लोगों के हाथ कुछ नहीं आया, देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा ये बजट
Budget 2022: मंगलवार एक फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना बजट भाषण पढ़ना शुरू किया तो सबको उम्मीद थी कि लागातर दो सालों से कोरोना की मार, बढ़ती महंगाई, युवाओं में रोजगार को लेकर बढ़ता रोष, कॉरपोरेट्स के निवेश में गिरावट को सरकार इस बजट के जरिए साधने की कोशिश करेगी. पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव का भी बजट पर असर होगा.
वित्त मंत्री द्वारा किए गए कुछ ऐलान का तो जरुर दूरगामी असर देखने को मिलेगा. लेकिन आम लोगों की आंकाक्षाएं धूमिल हो गई हैं. बजट भाषण में वित्त मंत्री ने 5 ट्रिलियल डॉलर इकोनॉमी बनाने का जिक्र नहीं किया लेकिन उन्होंने अगले 25 सालों में जब देश आजादी के 100 साल पूरा करेगा उस काल में देश के नवनिर्माण करने की बात कही और उसे अमृतकाल बताया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में पूंजीगत खर्चो जिसे कैपिटल एक्सपेंडिचर भी कहते हैं उसमें जबरदस्त बढ़ोतरी का ऐलान किया. कोरोना महामारी के बीच 2022-23 में सरकार 7.5 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत खर्च करेगी जिसके भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी जा सके और विकास की रफ्तार को तेज किया जा सके. वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि 25000 किलोमीटर के हाईवे का निर्माण किया जाएगा. गांवों में सड़क निर्माण पर जोर दिया जाएगा, शहरों में मासट्रॉंजिट सिस्टम के साथ 3 सालों में 400 नए वंदेभारत ट्रेनें चलाई जाएगी.
मोदी सरकार ने हर घर को नल से जोड़ने के लिए भारी भरकम 60,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी जिससे 3.8 करोड़ घरों तक पीने का स्वच्छ पानी पहुंचाया जा सके. सोलर मॉड्यूल्स में लोकल मैन्युफैकचरिंग को बढ़ावा देने के लिए 19500 करोड़ रुपये का पीएलआई स्कीम लेकर आएगी. इसका बड़ा फायदा घरेलू मैन्युफैकचर्रस को मिलेगा. सरकार ने कम आय वाले लोगों को लिए और ज्यादा घर बनाने का ऐलान किया है. इसका फायदा रियल एस्टेट से लेकर कंस्ट्रक्शन सेक्टर को होगा.
वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि 2022 में 5जी स्पेक्ट्रम की निलामी होगी. जाहिर है इससे टेलीकॉम सेक्टर को बड़ा बूस्ट मिलेगा. सेक्टर में निवेश आएगा. बजट में डाटा स्टोरेज को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने से भी कंपनियों को फायदा होगा. डिफेंस सेक्टर के कैपिटल एक्सपेंडिचर में 68 फीसदी हिस्सेदारी लोकल कंपनियों की होगी. इससे आत्मनिर्भर भारत के साथ मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा.
इमरजेंसी क्रेडिट लिंक्ड स्कीम के तहत छोटी कंपनियों को कर्ज देने की समयसीमा को मार्च 2023 के लिए बढ़ा दिया है और इस योजना के तहत राशि 5 लाख करोड़ रुपये हो गई है. एक अप्रैल 2016 से लेकर 31 मार्च 2021 के बीच बने स्टार्टअप्स को टैक्स होलिडे का लाभ अब 31 मार्च 2023 तक मिलेगा.
कोरोना काल में सबसे ज्यादा स्कूल बच्चे प्रभावित हुए हैं. बच्चों को डिडिटली पढ़ाई करने के लिए सरकार PM e-Vidya योजना लेकर आ रही है जिसमें हर कक्षा के लिए टीवी चैनल होगा वो भी हर भाषा में. इसके अलावा डिडिटल यूनिवर्सिटी भी खोला जाएगा. वित्त मंत्री क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी का टैक्स लगा दिया है. हालांकि क्रिप्टो को लेकर उन्होंने नहीं बताया कि सरकार विधेयक कबतक लेकर आ रही है.
निर्मला सीतारमण के बजट से सबसे ज्यादा निराशा मध्यम वर्ग को हुआ है जो पिछले कई महीनों में महंगाई से जूझ रहा है. वेतनभोगियों के हाथों में भी निराशा हाथ लगी है. सरकार से कई टैक्स के जानकारों ने टैक्स में सुधार करने की सुझाव दिया था. टैक्सपेयर्स को उम्मीद खी कि उन्होंने कुछ राहत मिलेगी.
डिमांड और खपत को प्रोत्साहित करने के लिए लोगों के हाथों में ज्यादा पैसे देने का भी सुझाव दिया गया था. लेकिन इस बजट में वित्त मंत्री इन लोकलुभावन कदम से बचती नजर आईं. वित्त मंत्री का फोकस कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने पर था. ये भी संभव है कि सरकार ने कुछ घोषणाओं को अगले बजट के लिए छोड़ दिया है क्योंकि 2024 अभी दो साल दूर है.