कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना को बताया केंद्र का 'नया प्रयोग', कहा- देश की सुरक्षा और युवाओं का भविष्य खतरे में
राहुल गांधी ने रविवार को अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रयोगशाला के इस 'नए प्रयोग' से देश की सुरक्षा और युवाओं का भविष्य खतरे में है।
उन्होंने हिंदी में एक ट्वीट में कहा कि हर साल 60 हजार सैनिक सेवानिवृत्त होते हैं, जिनमें से केवल 3,000 को ही सरकारी नौकरी मिल रही है।
चार साल बाद अग्निवारों का क्या होगा?
कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने पूछा, 'चार साल के अनुबंध के बाद सेवानिवृत्त होने वाले हजारों 'अग्निवीरों' का भविष्य क्या होगा।' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री की प्रयोगशाला के इस नए प्रयोग से देश की सुरक्षा और युवाओं का भविष्य दोनों खतरे में हैं।'
अग्निपथ योजना के खिलाफ हुआ प्रदर्शन
गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों में अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद विरोध प्रदर्शन देखा गया था। इस योजना में केवल चार साल के लिए 17 से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं की भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है। 2022 के लिए, ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है।
सरकार के पास कोई डेटा नहीं
इससे पहले भी राहुल गांधी ने ट्वीट कर केंद्र की एनडीए सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि आक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई, विरोध प्रदर्शन में किसी किसान की मौत नहीं हुई, कोई भी प्रवासी मजदूर लाकडाउन में चलने से नहीं मरा, किसी की माब लिंचिंग नहीं की गई, किसी पत्रकार को गिरफ्तार नहीं किया गया, इस सब बातों का लोगों को विश्वास दिलाने के लिए केंद्र सरकार के पास कोई डेटा नहीं है।
60,000 सैनिक हर साल रिटायर होते हैं, उनमें से सिर्फ 3000 को सरकारी नौकरी मिल रही है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 24, 2022
4 साल के ठेके पर हज़ारों की संख्या में रिटायर होने वाले अग्निवीरों का भविष्य क्या होगा?
प्रधानमंत्री की प्रयोगशाला के इस नए Experiment से देश की सुरक्षा और युवाओं का भविष्य दोनों खतरे में हैं।