भारत में कोरोना की स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने की बैठक, विदेश से आने वाले यात्रियों की होगी जांच
नई दिल्ली: चीन में कोरोना महामारी के चलते स्थिति भयावह हो गई है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर कोरोना टेस्ट संबंधी उपायों को फिर से शुरू करने का फैसला किया है।
विदेश से आने वाले यात्रियों की रैंडम जांच की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को हाईलेवल बैठक की। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रतिनिधियों के साथ भारत में कोरोना की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में कई मेडिकल एक्सपर्ट्स और स्वास्थ्य और कल्याण के प्रमुख अधिकारियों ने भी भाग लिया।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। बैठक में मैंने सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने और निगरानी मजबूत करने का निर्देश दिया है। लोगों से आग्रह है कि कोरोना का टीका लगवाएं। जिन लोगों ने अभी तक कोरोना के टीका का तीसरा डोज नहीं लिया है वे इसे जल्द लगवा लें। बैठक में भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती पवार और नीति आयोग के सदस्य (हेल्थ) वीके पॉल मौजूद रहे। वीके पॉल कोरोना महामारी रोकने के लिए बनाए गए भारत सरकार के कोर टीम का हिस्सा हैं।
भीड़भाड़ में पहनें मास्क
बैठक के बाद नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाने की सलाह दी। डॉ. वीके पॉल ने कहा, "अगर आप भीड़-भाड़ वाली जगह पर हैं। चाहे वह घर के अंदर हो या बाहर तो मास्क का इस्तेमाल करें। ऐसे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता कमजोर है या जिनकी उम्र अधिक है वे अधिक एहतियात बरतें।
चीन में हाहाकार के बाद भारत में बढ़ी चिंता
चीन में कोरोना महामारी के चलते हाहाकार मची है। इसे देखते भारत में भी चीन में फैले कोरोना के वैरिएंट के फैलने को लेकर चिंता जताई जा रही है। भारत में कोरोना के नए वैरिएंट की पहचान के लिए संक्रमितों के जीनोम सीक्वेंसिंग कराया जा रहा है। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने राज्य सरकारों से जीनोम सीक्वेंसिंग लैब को प्राथमिकता के आधार पर पॉजिटिव मामलों के नमूने पेश करने के लिए कहा है। राजेश भूषण ने कहा कि भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACoG) नेटवर्क के माध्यम से नए वेरिएंट ट्रैक करने के लिए पॉजिटिव केस सैंपल के जीनोम सीक्वेंसिंग तेज करना जरूरी है।