इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ने किया IAD टेक्नोलॉजी का सफल डेमोस्ट्रेशन, कई मिशन में होगी कारगर
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ने 'इन्फ्लेटेबल एरोडायनामिक डिसेलेरेटर' की एक ऐसी नई टेक्नोलॉजी का शनिवार को सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया, जो मंगल और शुक्र सहित भविष्य के कई मिशन में उपयोगी साबित हो सकती है.
इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) द्वारा बनाए और विकसित किए एक IAD का 'थुंबा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन' (टीईआरएलएस) से 'रोहिणी' साउंडिंग रॉकेट से सफलतापूर्वक प्रायोगिक प्रक्षेपण किया गया.
इसरो के मुताबिक, आईएडी को शुरू में मोड़ा गया और रॉकेट के पेलोड बे के अंदर रखा गया. उसने बताया कि लगभग 84 किलोमीटर की ऊंचाई पर आईएडी को फुलाया गया था और यह रॉकेट के पेलोड हिस्से के साथ वायुमंडल में नीचे उतरा. उसने बताया कि इसे फुलाने का सिस्टम इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) ने विकसित की है. आईएडी ने वायुगतिकीय कर्षण के माध्यम से पेलोड के वेग को व्यवस्थित रूप से कम कर दिया और यह अपने अनुमानित मार्ग पर चला.
(1/2) ISRO successfully demonstrated the new technology with Inflatable Aerodynamic Decelerator (IAD). IAD was test-flown today in a Rohini-sounding rocket from TERLS, Thumba. https://t.co/zWw3rPyYVD pic.twitter.com/YoHRTQ3P8Q
— ISRO (@isro) September 3, 2022
स्पेस सेक्टर में उपयोगी साबित होगी 'आईएडी' टेक्नोलॉजी
अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा, 'आईएडी में रॉकेट के खर्च चरणों की वसूली समेत अंतरिक्ष क्षेत्र में कई प्रकार से इस्तेमाल किए जाने की अपार संभावना है. इसे मंगल या शुक्र पर पेलोड उतारने और मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए अंतरिक्ष पर ठिकाना बनाने के क्षेत्र में इस्तेमाल किए जाने की काफी संभावनाएं हैं.' बता दें कि रोहिणी साउंडिंग राकेटों का इस्तेमाल इसरो द्वारा डेवलप की जा रहीं नई टेक्नोलॉजी में किया जाता है. यही नहीं, इसका इस्तेमाल विदेशों के साइंटिस्ट द्वारा उड़ान प्रदर्शन के लिए भी नियमित रूप से किया जाता है. एजेंसी ने कहा कि साउंडिंग राकेट ऊपरी एटमॉस्फेयर में एक्सपेरिमेंट्स के लिए एक अच्छा और रोमांचक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है.
कई महत्वपूर्ण मिशनों में बड़ी भूमिका निभाएगा आईएडी
इसरो ने कहा, 'माइक्रो वीडियो इमेजिंग सिस्टम जैसे आईएडी के नए एलिमेंट्स के साथ शनिवार को डेमोस्ट्रेशन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. माइक्रो वीडियो इमेजिंग सिस्टम ने आईएडी की उड़ान प्रक्रिया को कैप्चर किया. आईएडी एक मिनिएचर सॉफ्टवेयर जैसा रेडियो टेलीमेट्री ट्रांसमीटर है. डेमोस्ट्रेशन के दौरान एमईएमएस (माइक्रो-इलेक्ट्रोमैकेनिकल सिस्टम) आधारित ध्वनिक सेंसर का भी परीक्षण किया गया. इसके अलावा, कई नई पद्धतियों की भी उड़ान के दौरान टेस्टिंग की गई. एजेंसी ने बयान में कहा, 'IAD को बाद में देश के कई महत्वपूर्ण मिशनों में शामिल किया जाएगा.'