मद्रास हाईकोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले के दो दोषी नलिनी श्रीहरन और रविचंद्रन की रिहाई याचिका की खारिज
मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी करार दी गईं नलिनी श्रीहरन और रविचंद्रन की याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दी, जिसमें तमिलनाडु के राज्यपाल की सहमति के बिना उनकी रिहाई का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया था।
बता दे कि, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे ए. जी. पेरारिवलन को पिछले महीने जेल से रिहा कर दिया गया था। जिसके बाद इस केस में दोषी नलिनी श्रीहरन और रविचंद्रन ने भी मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की और राज्यपाल की अनुमति के बिना खुद को रिहा करने की मांग की। जिससे हाईकोर्ट ने साफ इनकार कर दिया और दोनों को सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह दी।
याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्ति का उपयोग करते हुए 18 मई को इसी मामले में पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था। ऐसे में उच्च न्यायालय को उनके मामले में भी यही मापदंड अपनाना चाहिए। मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एम. एन. भंडारी और न्यायमूर्ति एन. माला की पहली पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालयों के पास संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत ऐसा करने की शक्ति नहीं है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट को अनुच्छेद 142 के तहत विशेष अधिकार प्राप्त हैं। इस वजह से वो नलिनी और रविचंद्रन की याचिकाओं को खारिज करते हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही दोनों याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।