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मुगलों द्वारा ध्वस्त किये गए मंदिरों का जीर्णोद्धार करने में लोकमाता देवी अहिल्याबाई का योगदान अविस्मरणीय है - प्रवेन्द्र शेखावत

मुगलों द्वारा ध्वस्त किये गए मंदिरों का जीर्णोद्धार करने में लोकमाता देवी अहिल्याबाई का योगदान अविस्मरणीय है - प्रवेन्द्र शेखावत

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मुगलों द्वारा ध्वस्त किये गए मंदिरों का जीर्णोद्धार करने में लोकमाता देवी अहिल्याबाई का योगदान अविस्मरणीय है - प्रवेन्द्र शेखावत

अमित कुमार गुप्ता , ग्रेटर नोएडा 

ग्रेटर नोएडा- हिन्दू जागरण वीरांगना वाहिनी ग्रेटर नोएडा महानगर एवं पाल बघेल समाज समिति ग्रेटर नोएडा ने आर एस फॉर्म हाउस घोड़ी बछेड़ा में लोक माता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 297वीं जयंती मनाई। इस अवसर पर मुख्य वक्ता हिन्दू जागरण मंच के प्रान्त अध्यक्ष प्रवेन्द्र शेखावत, कार्यक्रम अध्यक्षता रुस्तम सिंह बघेल, मंच सञ्चालन प्रान्त प्रमुख बेटी बचाओ सतेन्द्र राघव, प्रान्त प्रचार प्रमुख चन्द्रपाल प्रजापति, प्रान्त उपाध्यक्ष वीरांगना वाहिनी बीना अरोरा, मुख्य रूप से रहे।

हिन्दू जागरण के प्रान्त अध्यक्ष प्रवेन्द्र शेखावत ने कहा कि मुहम्मद बिन कासिम (712) के आक्रमण से लेकर मुगलों के शासन तक मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा हजारों मन्दिर तोड़े गए, लेकिन हिन्दू समाज अवसर प्राप्त होते ही उस स्थान पर नये मन्दिरों का निर्माण करता रहा। इस कार्य में देश की जिन महान विभूतियों ने सर्वाधिक योगदान दिया उसमें एक प्रमुख नाम मराठा सरदार एवं मालवा के शासक मल्हार राव होल्कर की पुत्रवधु और खण्डेराव की धर्मपत्नी अहिल्या बाई होल्कर का है। मुगलों पर मराठों की विजय के पश्चात मल्हार राव ने मस्जिद को हटाकर उसी प्राचीन स्थान पर काशी विश्वेश्वर मन्दिर के निर्माण का संकल्प लिया था। मल्हार राव ने सन् 1742 में पेशवा बाजीराव बाला जी से प्राचीन मंदिर के स्थान पर मंदिर बनाने की अनुमति प्राप्त कर ली थी। लेकिन कुछ कारणों से उनके जीवन-काल में यह संकल्प पूरा न हो सका। लेकिन उनकी पुत्रवधु अहिल्या बाई ने उस स्थान पर तो नहीं उसके बगल में काशी विश्वनाथ के मंदिर का निर्माण कराया। मल्हार राव का संकल्प अभी अधूरा है, लेकिन अहिल्या बाई ने उस स्थान की स्मृति संजोकर रखने का महान कार्य किया। व्यक्तिगत जीवन में अनेक संतापों को सहन करते हुए भी विशेष रूप से वे मुस्लिम आक्रान्ताओं द्वारा तोड़े गए मन्दिरों और तीर्थों का पुनरुद्धार कर हिन्दू संस्कृति के संताप का उपशमन कर इतिहास के पन्नों में सदैव के लिए अमर हो गईं। उनके इस महान योगदान की गौरव गाथा को निष्पक्ष भारतीय इतिहास कभी विस्मृत नहीं कर सकता। हिन्दू संस्कृति की रक्षा के लिए धर्ममूर्ति राजमाता अहिल्याबाई होलकर का योगदान अद्वितीय है।

इस अवसर पर हिन्दू जागरण की महानगर संयोजिका प्रतिमा राघव, सरोज तोमर, संगीता सक्सेना, मीनाक्षी महेश्वरी, कान्ति पाल, हिन्दू जागरण महानगर सह संयोजक सुरेन्द्रपाल, राजेश पाल, दलबीर पाल, जीतपाल, ओमदत्त, पार्थ, नितिन भाटी, अध्यक्ष पाल बघेल समाज समिति ग्रेटर नोएडा तुलेराम पाल, गड़रिया सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष रामेशपाल खोदना, शीशपाल, ओमप्रकाश पाल, महेन्द्र पाल, रणबीर पाल, प्रदीप पाल चमन पाल, गजेंद्र, राकेश, सिंगर नरेन्द्र, राधे पाल, संदीप पाल, रोहित, ज्ञानलाल सहित अन्य लोग रहे।