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देशभर में अग्निपथ योजना का हो रहा जमकर विरोध, जानिए पूरा मामला

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 देशभर में अग्निपथ योजना का हो रहा जमकर विरोध, जानिए पूरा मामला  

सेना में भर्ती को लेकर केंद्र सरकार ने जिस अग्निपथ योजना की शुरूआत की उसका विरोध देशभर के कोने-कोने जमकर हो रहा है. सबसे ज्यादा विरोध बिहार में देखा जा रहा है। वहीं युवाओं ने हरियाणा में गुरुग्राम-जयपुर हाईवे को जाम कर दिया है। कई जगह युवा रेलवे ट्रैक पर भी उतरे हैं और ट्रेनों की आवाजाही को रोक दिया है। बिहार के कई स्टेशनों पर ट्रेन पर पथराव किया गया है।

बिहार के जहानाबाद में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। जहानाबाद में NH-83 और NH-110 को जाम कर छात्रों ने आगजनी की। रेलवे ट्रैक जाम होने की वजह से ट्रेनें प्रभावित हुई है। मुंगेर में युवाओं ने सफाईसराय चौक को जाम कर प्रदर्शन किया। एनएच और जमालपुर मुंगेर रोड पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। गया के जंक्शन पर प्रदर्शनकारी पहुंचे। इस दौरान जंक्शन पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। शहर के किला मैदान से सैकड़ों युवकों का प्रदर्शन करते हुए बक्सर रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां उन्होंने ट्रैक जाम कर दिया। बक्सर में युवक के जबरदस्त प्रदर्शन को देखते हुए जीआरपी व आरपीएफ की पुलिस को तैनात कर दिया गया है। सेना भर्ती के अभ्यर्थियों ने मुजफ्फरपुर, बक्सर, पटना, भागलपुर समेत अन्य जिलों में भी प्रदर्शन किया था। इस दौरान आगजनी और तोड़फोड़ भी की गई। बक्सर स्टेशन से गुजरने वाली पाटलिपुत्र एक्सप्रेस पर प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव की भी खबरें हैं। इसके अलावा UP में जगह-जगह प्रदर्शनकारी सड़कों पर आ गए। यहां के बुलंदशहर जिले में युवाओं ने भुड़ चौराहा और खुर्जा में प्रदर्शन किया। इन्हें सड़कों से हटाने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा है। मौके से पुलिस ने आठ से अधिक छात्रों को हिरासत में लिया है।

जानिए क्या है अग्निपथ योजना 
‘अग्निपथ भर्ती योजना’ के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवा लड़के और लड़कियां इसके लिए पात्र होंगे।  इसके लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इसकी शुरुआत 90 दिन के भीतर हो जाएगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। पहली भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग का समय भी चार साल में शामिल होगा। 

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि भर्ती पहले की तरह की जाए, टूर ऑफ ड्यूटी (टीओडी) को वापस लिया जाए और परीक्षा पहले की तरह आयोजित की जाए। कोई भी सेना में सिर्फ 4 साल के लिए नहीं जाएगा। वहीं जहानाबाद में प्रदर्शन कर रहे एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि केवल 4 साल काम करने के बाद हम कहां जाएंगे? 4 साल की सेवा के बाद हम बेघर हो जाएंगे। इसलिए हमने सड़कों को जाम कर दिया है, देश के नेताओं को अब पता चल जाएगा कि लोग जागरूक हैं। वहीं एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। महीनों के प्रशिक्षण और छुट्टी के साथ 4 साल की सेवा कैसी होगी? सिर्फ 3 साल के प्रशिक्षण के बाद हम देश की रक्षा कैसे करेंगे? सरकार को वापस लेनी होगी यह योजना।