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केंद्रीय कैबिनेट बैठक में मिली मंजूरी, अयोध्या एयरपोर्ट का होगा अब नया नाम

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केंद्रीय कैबिनेट बैठक में मिली मंजूरी, अयोध्या एयरपोर्ट का होगा अब नया नाम

New Delhi: अयोध्या एयरपोर्ट के नाम को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक की गई. बैठक में अयोध्या एयरपोर्ट के नाम बदलने को मंजूरी दे दी गई है. अब अयोध्या एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मिकि एयरपोर्ट होगा.

30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था. साथ ही इसे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की भी मंजूरी दे दी गई है. हवाई अड्डे का पहला चरण 1,450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है.

हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन का क्षेत्रफल 6500 वर्गमीटर होगा, जो सालाना लगभग 10 लाख यात्रियों की सेवा के लिए तैयार होगा. टर्मिनल भवन का इंटीरियर अयोध्या के आगामी राम मंदिर की वास्तुकला को दर्शाता है. प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक अयोध्या हवाई अड्डे को इंटरनेशनल दर्जा देने का फैसला अयोध्या की आर्थिक क्षमता बढ़ाने, वैश्विक तीर्थ स्थल के रूप में इसके महत्व को साकार करने और विदेशी तीर्थयात्रियों व पर्यटकों के लिए दरवाजे खोलने के लिए लिया गया है. अयोध्या रणनीतिक रूप से एक प्रमुख आर्थिक केंद्र और तीर्थस्थल के रूप में विकसित होगा.

इसके अलावा प्रेस रिलीज में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों और व्यवसायों को आकर्षित करने के लिए हवाई अड्डे की क्षमता शहर के ऐतिहासिक महत्व को देते हुए तय की गई है. अयोध्‍या एयरपोर्ट पर भी वर्ल्‍ड क्‍लास आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. इस कड़ी में ऐसा प्‍लान बनाया गया है कि यहां रात में भी सूरज के जरिये यात्रियों को रोशनी उपलब्‍ध कराई जाएगी. इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है और जल्‍द ही यात्रियों को सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी.

दरअसल, ऊर्जा और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की दिग्‍गज कंपनी जैक्सन ग्रुप ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में नवनिर्मित महर्षि वाल्मिकी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 25 किलोवाट क्षमता की 'रूफटॉप' सौर परियोजना लगाई है. इससे हवाई अड्डे के परिचालन के लिए जरूरी बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होगी.