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उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर 120KM की रफ़्तार तांडव मचा सकता चक्रवाती तूफान

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उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर 120KM की रफ़्तार तांडव मचा सकता चक्रवाती तूफान 

चक्रवाती तूफान एक बार फिर देश में तबाही मचाने आ रहा है. इस दौरान समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी और तेज हवाएं चलेंगी, जिससे कई राज्यों में भारी बारिश की आशंका है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया है. चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए शासन प्रशासन ने भी तैयारी कर ली है. पश्चिम बंगाल के 7 जिलों में 26 अक्टूबर तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और कई ट्रेनें भी रद्द रहेंगी.

पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी पर दबाव 4 किमी प्रति घंटे की गति से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और 23 अक्टूबर को चक्रवाती तूफान में विकसित होने की संभावना है। इसके बाद 24 अक्टूबर की सुबह तक उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ते हुए एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। IMD के मुताबिक, 24 अक्टूबर की रात से 25 अक्टूबर की सुबह तक पुरी और सागर द्वीप समूह के बीच उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर चक्रवाती तूफान आने की आशंका है. भूस्खलन के समय 100-120 किमी की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी. इसके बाद यह भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में तट को पार करेगा।

मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है. 23 अक्टूबर को ओडिशा के बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी, खोरदा जिले और 24-25 अक्टूबर को ओडिशा के बालेश्वर, मयूरभंज, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर केंदुझार, जाजपुर, कटक, ढेंकनाल, खोरदा और पुरी जिलों में बहुत भारी बारिश होगी संभावना है. पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्र के दक्षिण और उत्तर 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, हावड़ा, हुगली, कोलकाता और बांकुरा जिलों में 24-25 को भारी बारिश होगी।

मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों के लिए हाई अलर्ट जारी किया है. 24 अक्टूबर की रात से 25 अक्टूबर की सुबह तक समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी और मौसम खराब रहेगा. चक्रवाती तूफान 25 अक्टूबर की दोपहर तक कहर बरपाएगा और फिर धीरे-धीरे कम हो जाएगा. मछुआरों को भी 23 से 25 अक्टूबर के दौरान समुद्र तटों के आसपास न जाने की सलाह दी गई है।

IMD के मुताबिक, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के प्रभावित जिलों में चक्रवाती तूफान से घरों की छतें उड़ सकती हैं. बिजली के खंभे उखड़ सकते हैं और पेड़ गिर सकते हैं. बिजली और संचार लाइनें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। कच्ची सड़कें टूट सकती हैं और जगह-जगह बाढ़ आ सकती है।