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पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को मिला ‘भारत रत्न’, राष्ट्रपति खुद पहुंची घर

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पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को मिला ‘भारत रत्न’, राष्ट्रपति खुद पहुंची घर 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज सुबह आडवाणी के घर पहुंची और उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

इससे पहले राष्ट्रपति ने शनिवार को यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पूर्व प्रधानमंत्रियों पी वी नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह, कृषि मंत्री एम एस स्वामीनाथन तथा बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न मरणोपरांत प्रदान किया।

पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के लिए मुर्मू से यह सम्मान उनके पुत्र पी वी प्रभाकर राव ने स्वीकार किया। चौधरी चरण सिंह के लिए उनके पोते और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने राष्ट्रपति से यह सम्मान स्वीकार किया।

स्वामीनाथन की ओर से उनकी बेटी नित्या राव और कर्पूरी ठाकुर की ओर से उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से यह पुरस्कार लिया।

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है और यह सम्मान असाधारण राष्ट्रीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। पहले इसमें खेल को शामिल नहीं किया गया था लेकिन बाद में इसे सूची में शामिल किया गया है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। एक वर्ष में अधिकतम 3 व्यक्तियों को ही 'भारत रत्न' दिया जा सकता है।

इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारंभ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन वर्ष 1955 में बाद में यह प्रावधान जोड़ा गया। इसके चलते यह सम्मान लोगों को मरणोपरांत भी दिया जाने लगा है। अब तक 14 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया है।

भारत सरकार ने अब तक 53 लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया है। सबसे पहले 1954 में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इस सूची में समाज के हर क्षेत्र के लोग शामिल हैं। सचिन तेंडुलकर एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्हें यह सम्मान दिया गया। 2024 में पहली बार एक साथ 5 लोगों को यह सम्मान दिया गया।

भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को जब भारत रत्न देने की बात आई तो उन्होंने जोर देकर मना कर दिया, कारण कि जो लोग इसकी चयन समिति में रहे हों, उनको यह सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए। बाद में 1992 में उन्हें मरणोपरांत दिया गया।