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यूएन की बैठक में बोले विदेश मंत्री जयशंकर, मानवाधिकार हमारे लोकतांत्रिक सिद्धांतों का हिस्सा

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यूएन की बैठक में बोले विदेश मंत्री जयशंकर, मानवाधिकार हमारे लोकतांत्रिक सिद्धांतों का हिस्सा

स्विट्जरलैंड के जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद का सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। यह मानवाधिकार परिषद का 55वां सत्र है, जो सबसे लंबा होगा और अप्रैल तक चलेगा। इस बैठक के पहले दिन भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संदेश में मानवाधिकार परिषद की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के पूरे सहयोग का वादा किया और कहा कि भारत मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए काम करता रहेगा।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संदेश में कहा कि 'मैं ये सुनिश्चित करूंगा कि हमारा प्रतिनिधिमंडल और उच्चायुक्त आपको पूरा समर्थन और सहयोग दें। भारत परिषद के सदस्यों के साथ मिलकर मानवाधिकारों की सुरक्षा और बढ़ावे के लिए काम करता रहेगा। 

विदेश मंत्री ने नई दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से मानवाधिकार परिषद के 55वें सत्र को भी संबोधित किया। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 'पुरानी संरचनाओं को सुधारने, प्रणालीगत खामियों को ठीक करने और वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने वाले बहुपक्षीय ढांचे को तत्काल बनाने का समय आ गया है।' उन्होंने कहा, 'भू-राजनीतिक चुनौतियों का स्थायी समाधान खोजने के लिए संयुक्त राष्ट्र और उसके बाहर मिलकर काम करना हमारे सामूहिक हित और हमारी जिम्मेदारी भी है। ऐसा करने के लिए जरूरी है कि हम पहले यह पहचानें कि बहुपक्षवाद को विश्वसनीय, प्रभावी और उत्तरदायी बनाने के लिए, अब समय आ गया है कि पुरानी संरचनाओं में सुधार किया जाए.

47 सदस्यों वाली मानवाधिकार परिषद का गठन साल 2006 में किया गया था। दुनिया में चल रहे गाजा युद्ध, यूक्रेन युद्ध और सूडान में जारी हिंसा के बीच इस साल हो रही मानवाधिकार परिषद की बैठक अहम है। इसमें राजनीतिक, नागरिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर चर्चा होगी। जिसमें संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी, स्वतंत्र विशेषज्ञ, जांचकर्ता, विभिन्न देशों के नेता और सिविल सोसाइटी संगठन से जुड़े लोग शामिल होंगे।