''हम अदाणी के हैं कौन'' सीरीज के तहत कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पूछे तीन सवाल
Congress ने आरोप लगाया कि सरकार ने अदाणी समूह को एकाधिकार दे दिया है, जिससे वे उन उपभोक्ताओं का शोषण कर रहे हैं, जिन्हें एयर पोर्ट और बिजली जैसी बुनियादी ढांचागत सेवाओं का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है.
केवल यही नहीं विपक्षी दल ने यह भी कहा कि- अदाणी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की लगातार मांग करने का मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शर्मिंदा करना नहीं बल्कि इसका उद्देश्य प्रकरण के सभी आयामों को उजागर करना है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पार्टी की ''हम अदाणी के हैं कौन'' सीरीज के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीन सवाल पूछते हुए कहा कि इन सवालों का मकसद इस ओर ध्यान केंद्रित करना है कि कैसे अदाणी समूह को ''एकाधिकार'' दिया गया, जिससे उन उपभोक्ताओं के शोषण की छूट मिली, जिन्हें हवाई अड्डों और बिजली जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं का उपयोग करने की आवश्यकता है.
उल्लेखनीय है कि वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई आरोप लगाए थे. अदाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है.
प्रधानमंत्री को संबोधित अपने बयान में कांग्रेस नेता रमेश ने दावा किया कि लखनऊ में अदाणी द्वारा संचालित चौधरी चरण सिंह अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने यात्रियों द्वारा भुगतान किए जाने वाले उपयोगकर्ता विकास शुल्क (यूडीएफ) में अत्यधिक वृद्धि का प्रस्ताव दिया है, जो देश के 11वें सबसे व्यस्त हवाई अड्डे में शुमार है. कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ''यदि हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण (एईआरए) द्वारा इस शुल्क को मंजूरी दी जाती है, तो वित्तीय वर्ष 2025-26 तक उपयोगकर्ता शुल्क घरेलू यात्रियों के लिए 192 रुपये से बढ़कर 1,025 रुपये और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए 561 रुपये से 2,756 रुपये हो जाएगा.
कहा कि- एईआरए ने पहले ही अदाणी द्वारा संचालित अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाले घरेलू यात्रियों के लिए वर्ष 2025-26 तक छह गुना शुल्क वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए 12 गुना शुल्क वृद्धि को मंजूरी दे दी है I