Bharat tv live

CSK vs KKR के मुकाबले के लिए वानखेड़े पर तैयार हुई 'लाल रंग' की पिच, जानें कैसा रहेगा मिजाज

 | 
CSK vs KKR के मुकाबले के लिए वानखेड़े पर तैयार हुई 'लाल रंग' की पिच, जानें कैसा रहेगा मिजाज

आईपीएल 2022 का रोमांच शुरू होने में अब कुछ घंटे रह गए हैं. पहला मुकाबला डिफेंडिंग चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स और पिछले सीजन की फाइनलिस्ट कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच है.

दोनों ही टीमें जीत से शुरुआत चाहेंगी. ऐसे में पिच का रोल अहम हो जाता है. वानखेड़े स्टेडियम पर IPL 2022 के पहले मुकाबले के लिए लाल रंग की पिच तैयार की गई है. इस पिच का लाल रंग इसमें इस्तेमाल की गई मिट्टी के चलते होगा. दरअसल, सीधे शब्दों में कहें तो वानखेड़े की पिच लाल मिट्टी से बनी है, जिस पर की CSK और KKR जीत की तलाश में दो-दो हाथ करती दिखेगी.

अब बड़ा सवाल ये है कि लाल मिट्टी से बनी पिच का मिजाज कैसे होगा? इस पिच पर ओस का असर कितना होगा? ये पिच गेंदबाजों के माकूल होगी या फिर बल्लेबाजों के? पिच में टर्न होगा या फिर रफ्तार का असर दिखेगा? ऐसी पिच पर टॉस जीतने के बाद क्या करना बेहतर रहेगा? ये वो तमाम सवाल हैं जिनके जवाब जरूरी है. और, अगर आप CSK या KKR के फैन हैं, तब तो इससे आपका सरोकार और भी ज्यादा है. तो आईए वानखे़ड़े स्टेडियम से जुड़े आंकड़ों से इन सवालों का जवाब टटोलने की कोशिश करते हैं.

वानखेड़े की लाल मिट्टी वाली पिच से जुड़े आंकड़े

वानखेड़े स्टेडियम पर पिछले 13 नाइट मैचों का रिकॉर्ड देखें तो लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम 10 में जीती है. पिछले 20 मुकाबलों में इस मैदान पर पहली पारी में औसत स्कोर 175 रन का रहा है. लाल मिट्टी से बनी वानखेड़े की पिच पर रिस्ट स्पिनर के मुकाबले उंगलियों के स्पिनर ज्यादा किफायती साबित हुए हैं. कलाईयों के स्पिनर ने यहां 9.15 की इकॉनमी से हर 34 गेंद पर विकेट चटकाए हैं तो वहीं उंगलियों के स्पिनर नें 6.92 की इकॉनमी से प्रति 27 गेंद विकेट उखाड़े हैं. IPL के पिछले सीजन में यहां खेले मुकाबलों की बात करें तो पावरप्ले में पेसर्स ने 31 विकेट लिए और उनके मुकाबले स्पिनर्स ने सिर्फ एक.

CSK और KKR में जो टॉस जीतेगा, वो फायदे में रहेगा

आंकड़ों से साफ है वानखेड़े की लाल मिट्टी वाली पिच पर जीत का फंडा यही है कि टॉस जीतो और गेंदबाजी चुनो. फिर लक्ष्य का पीछा करने उतरो तो ओस का पूरा फायदा उठाओ. भारत के पूर्व क्रिकेटर आशीष नेहरा के मुताबिक, “ऐसी पिचों पर अच्छा उछाल होता है, जिसका फायदा तेज गेंदबाज को मिलता है. वो और ज्यादा आक्रामक हो जाता है. पावरप्ले में विरोधी टीम के विकेट उखाड़कर उसे बैकफुट पर धकेल सकता है.”

उन्होंने कहा, ” वानखेड़े की पिच पर नई गेंद से आपको पहले तीन ओवर में 2 या 3 विकेट गिरते हुए दिख सकते हैं. अगर आप शुरुआत में अच्छी गेंदबाज़ी करेंगे तो इसका फ़ायदा उठा सकते हैं. ऐसा चेन्नई या हैदराबाद के मैदानों पर देखने को नहीं मिलता. ” वानखेड़े की पिच पर बिग हिटर, पेसर्स और स्विंग गेंदबाज़ों की बड़ी भूमिका हो सकती है.