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कॉमनवैल्थ गेम्स में मीराबाई चानू का गोल्ड, वेटलिफ्टिंग में भारत का डंका

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 कॉमनवैल्थ गेम्स में मीराबाई चानू का गोल्ड

बर्मिंघम : मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में भारत की ओर से पहला मेडल जीता था। अब कॉमनवैल्थ गेम्स 2022 में भी वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने पहला स्वर्ण देश की झोली में डाला है। मीराबाई टोक्यो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट हैं और 49 किलोग्राम वेट कैटेगरी में उन्होंने गोल्ड जीता। भारत की स्टार वेटलिफ्टिर स्नैच में अपने पहले प्रयास में 84 केजी वेट उठाया। दूसरे प्रयास में उन्होंने 88 केजी का वेट उठाकर अपने पर्सनल बेस्ट की बराबरी की। यह इस कैटेगरी में स्नैच का गेम्स रिकार्ड भी है। तीसरे प्रयास में उन्होंने 90 केजी उठाने का प्रयास किया लेकिन इसमें सफल नहीं हो पाईं। अभी क्लीन एंड जर्क की लिफ्टिंग चल रही है। चानू को मॉरिसस की मैरी रनाइवोसोवा और नाइजीरिया की स्टेला किंग्सी चुनौती देने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन भारतीय खिलाड़ी इन दोनों से काफी आगे हैं।

पान की दुकान से लेकर सिल्वर तक

बर्मिंघम कॉमनवैल्थ गेम्स 2022 में संकेत महादेव सरगर ने भारत को पहला मेडल दिलाया है। 21 साल के सरगर 55 किलो भार वर्ग वेटलिफ्टिंग में दूसरे स्थान रहे और उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। 3 बार के राष्ट्रीय चैंपियन और पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। संकेत स्वभाव से काफी शर्मीले हैं और मुकाबलों के दौरान अपनी टीम के सपोर्ट स्टाफ के अलावा और किसी से बात नहीं करते हैं। संकेत महाराष्ट्र के सांगली के रहने वाले हैं। वेटलिफ्टिंग के अलावा संकेत के अपने पिता के पान की दुकान और खाने की दुकान में मदद करते हैं। वह अपने पिता को अब आराम करते हुए देखना चाहते हैं।

पिकअप चालक के बेटे गुरुराजा को कांस्य
 भारतीय वेटलिफ्टर गुरुराजा पुजारी ने शनिवार को भारत के लिए कॉमनवैल्थ गेम्स का दूसरा पदक जीत लिया। उन्होंने वेटलिफ्टिंग में 61 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया। स्नैच एंड क्लीन-जर्क इवेंट में गुरुराजा ने पदक अपने नाम किया। 29 साल के गुरुराजा के इस कांस्य पदक को जीतने तक की कहानी बेहद दिलचस्प रही है। उनके पिता महाबाला पुजारी पिक-अप ट्रक के चालक हैं, लेकिन उन्होंने कभी बेटे को हिम्मत नहीं हारने दिया। उन्होंने कभी पैसे को बेटे की मेहनत के आगे आने नहीं दिया। वहीं, गुरुराजा ने भी जमकर मेहनत की और भारत के लिए कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में पदक जीते। गुरुराजा का जन्म 15 अगस्त, 1992 को कर्नाटक के उडीपी जिले के कुंडापुरा गांव में हुआ था।