PAK vs AUS: ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 62 रनो से हराया, वार्नर- मार्श का तूफानी शतक

PAK vs AUS: भारत के बाद ऑस्ट्रेलिया से भी हारा पाकिस्तान. खाते में जो 2 जीत है और उसके बदले मिले 4 अंक हैं, वो इसलिए क्योंकि उसे उसने नेदरलैंड्स और श्रीलंका जैसी कमजोर टीमों को अपने पहले 2 मैचों में हराकर हासिल किए हैं.
लेकिन, जैसे ही मजबूत टीम से सामना हुआ पाकिस्तान की पोल खुल गई. भारत से हारा तो बहाना बनाया. BCCI और ICC पर ठीकरा फोड़ा. लेकिन, ऑस्ट्रेलिया से क्यों हारा? इस मैच में तो वो सारी बातें थी, जिसकी कमी पाकिस्तान को भारत के खिलाफ मैच में खली थी.
अब सवाल है कि भारत से हार के बाद पाकिस्तान ने रोना किस चीज का रोया था. तो मेन इन ग्रीन के टीम डायरेक्टर मिकी आर्थर का वो तीखा हमला तो आपको याद ही होगा, जिसमें उन्होंने कहा था कि ये ICC का इवेंट कम, BCCI का ज्यादा लग रहा है. यहां तक कि उन्होंने इस पर भी नाराजगी जताई थी कि मैदान पर 'दिल-दिल पाकिस्तान' भी नहीं बजा, जो कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम का वर्ल्ड कप के लिए थीम सॉन्ग है.
लेकिन, ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद पाकिस्तान के लिए बहाना बनाने का कोई मौका नहीं था. वो इसलिए क्योंकि बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में वो सब था, जिससे पाकिस्तान को लगता है कि वो मैच जीत सकता है. और, जिसकी कमी उसे भारत के मैच में खली थी. स्टेडियम में ना सिर्फ पाकिस्तान की टीम के सपोर्ट में दर्शक मौजूद थे, वो उनके लिए नारे लगा रहे थे, बल्कि भारत के खिलाफ जिस पर सबसे आपत्ति थी कि 'दिल-दिल पाकिस्तान' सॉन्ग नहीं बजा, वो भी यहां बजा.
लेकिन, इससे हुआ क्या? नतीजा तो वही ढाक के तीन पात रहा. पाकिस्तान ऑस्ट्रेलिया से भी हार गया. दबाव में बिखर जाने की और बड़ी टीमों के खिलाफ दम तोड़ने की उसकी कमजोरी फिर से एक्सपोज हो गई.
वर्ल्ड कप जीतेगा पाकिस्तान? बिल्कुल नहीं. अभी भी देर नहीं हुई है. पाकिस्तानी टीम को बस ये समझना होगा कि मैदान पर खेलना उसे है. बाहर से सपोर्ट मिले या नहीं मिले. 'दिल-दिल पाकिस्तान' बजे या नहीं बजे, ऐसी चीजों पर ध्यान देने से अच्छा है कि 50 ओवर बेहतर क्रिकेट खेलें. ऐसा करेंगे, टूर्नामेंट में तभी आगे बढ़ेंगे, नहीं तो सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंचेंगे.