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फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार कोर्ट में स्वीकार किया की कोविड-19 वैक्सीन से हो सकते हैं गंभीर साइड इफेक्ट!

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 फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार कोर्ट में स्वीकार किया की कोविड-19 वैक्सीन से हो सकते हैं गंभीर साइड इफेक्ट!

फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं। कंपनी ने इस बात को कबूला है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) के साथ थ्रोम्बोसिस नामक एक दुर्लभ साइड इफेक्ट पैदा करने की क्षमता है।

आपको बता दें कि पूरी दुनिया कोरोना महामारी के चपेट में थी, तभी उस समय एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगाई गई थी। इस वैक्सीन का उत्पादन भारत में अदार पूनावाला के सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया था।

अब एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उसकी कोरोना वैक्सीन, जो कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया नाम के तहत पूरी दुनिया में बेची गई थी। लोगों में खून के थक्के समेत कई साइड इफैक्टस हो सकते हैं। इससे दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक और प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं। हालांकि, इस दौरान वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट्स को स्वीकार करने के बाद भी कंपनी का कहना है कि इससे होने वाली बीमारियों या बुरे प्रभावों को नहीं मानती है।

जेमी स्कॉट नामक व्यक्ति ने खून के थक्के से पीड़ित होने के बाद एस्ट्राजेनेका के खिलाफ केस दर्ज किया था। स्कॉट के मुताबिक, अप्रैल 2021 में वैक्सीन लेने के बाद उनके दिमाग में खून का थक्का जम गया और खून बहने लगा जिससे उनके मस्तिष्क में स्थायी चोट लग गई और वह काम करने में असमर्थ हो गए। मई 2023 में कंपनी ने कहा था कि वे यह स्वीकार नहीं करते हैं कि TTS सामान्य स्तर पर वैक्सीन से प्रेरित है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट को सौंपे गए कानूनी दस्तावेज में एस्ट्राजेनेका दवा कंपनी ने कहा कि यह माना जाता है कि वैक्सीन, बहुत ही दुर्लभ मामलों में, TTS का कारण बन सकती है। कंपनी ने कहा है कि इसका कारण अभी पता नहीं है।

यूके की कोर्ट में दायर मुकदमे में प्रभावित व्यक्ति और उनके परिवार करीब £100 मिलियन के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सच्चाई हमारे साथ है और हम हार नहीं मानेंगे।