Vijaya Ekadashi 2023: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल विजया एकादशी का व्रत कल 16 फरवरी, गुरुवार को रखा जाएगा.
पद्म पुराण और स्कंद पुराण में भी इस व्रत का महत्व बताया गया है. पौराणिक मान्यता है कि प्राचीन काल में कई राजा-महाराजा इसी व्रत के प्रभाव से अपनी निश्चत हार को जीत में बदल लेते थे. विजया एकादशी पर क्या करें, क्या ना करें?
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तामसिक आहार, व्यवहार और विचार से दूर रहें
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भगवान विष्णु का ध्यान करके ही दिन की शुरुआत करें
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इस दिन मन को ज्यादा से ज्यादा भगवान विष्णु में लगाए रखें
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सेहत ठीक ना हो तो उपवास न रखें, केवल व्रत के नियमों का पालन करें
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एकादशी के दिन चावल और भारी भोजन न खाएं
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विजया एकदशी के दिन रात की पूजा- उपासना का विशेष महत्व होता है
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क्रोध न करें, कम बोलें और आचरण पर नियंत्रण रखें
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दान कभी भी किसी दबाव में नहीं देना चाहिए, दान कभी भी ऐसे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए जो कुपात्र हो
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जो भी वस्तुएं दान में दी जाए वो उत्तम कोटि की हो, कुंडली में जो ग्रह महत्वपूर्ण है उनका दान कभी न करें
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दान में मांस, मदिरा आदि वस्तुएं न दें तो उत्तम है, क्योंकि ये वस्तुएं लाभ की जगह हानि पहुंचा सकती हैं
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दान देते समय मन में हमेशा ये भाव रखें कि ये वस्तु ईश्वर की दी हुई है और ये सेवा या दान मैं ईश्वर को ही कर रहा हूँ
इस व्रत को रखने का उत्तम दिन 16 फरवरी है. हिंदू धर्म के पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 16 फरवरी को सुबह सूर्योदय से 5:32 बजे से प्रारंभ होगी. इसका समापन अगले दिन 17 फरवरी को रात 2:49 बजे होगा. उदया तिथि के अनुसार 16 फरवरी को विजया एकादशी का व्रत करना सर्वश्रेष्ठ और फलदायक रहेगा.