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Rajasthan Politics: राजस्थान में भाजपा के सीएम कैंडिडेट बनने की महारानी दीया की चर्चा, क्या इस बार कटेगा वसुंधरा राजे का पत्ता

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Rajasthan Politics: राजस्थान में भाजपा के सीएम कैंडिडेट बनने की महारानी दीया की चर्चा, क्या इस बार कटेगा वसुंधरा राजे का पत्ता

राजस्थान में भाजपा के सीएम फेस को लेकर चल रही कश्मकश के बीच महारानी दीया का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं. माना जा रहा है कि जयपुर राजघराने की महारानी दीया ही इस बार पार्टी का सीएम फेस होंगी.

हालांकि उनके लिए ये सफर आसान न होगा, क्योंकि उन्हें इसके लिए उनका मुकाबला दो बार भाजपा से राजस्थान की सीएम रह चुकीं वसुंधरा राजे से है. राजस्थान की राजनीति में सियासी उठापठक कभी खत्म नहीं होती. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सीएम की कुर्सी को लेकर चल रही रार अभी बरकरार थी, भाजपा नेता भी गाहे-बगाहे इस पर चुटकी ले लेते थे. अब भाजपा में ही सीएम फेस को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. वसुंधरा राजे, सतीश पूनिया, गजेंद्र सिंह शेखावत और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के नामों को पीछे छोड़ते हुए जो नाम सबसे आगे हैं वह जयपुर की महारानी दीया का है.

राजकुमारी दीया जयपुर की महारानी गायत्री देवी की रिश्ते में पोती लगती हैं. वर्तमान में वह राजसमंद से भाजपा की सांसद हैं. 2013 में वह सवाई माधोपुर से विधानसभा चुनाव लड़ी थीं और जीती भी थीं, 2018 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था, लेकिन 2019 में भाजपा ने राजसमंद ने लोकसभा का टिकट देकर ये भूल सुधार ली थी. वह जयपुर राजघराने की राजकुमारी थीं, उन्होंने अपने पिता भवानी सिंह के सिटी पैलेस में नौकरी करने वाले नरेंद्र सिंह से भागकर शादी कर ली थी. राजपूत बिरादरी में इसका खूब विरोध हुआ था. अब शादी के 21 साल बाद दंपति सहमति से तलाक ले चुके हैं.

भाजपा से सीएम फेस की रेस में यदि महारानी दीया जीत जाती हैं तो यह वसुंधरा राजे के लिए बड़े झटके वाली बात होगी. दरअसल ये दोनों ही चेहरे राजपूत फेस हैं और बड़े राजघरानों से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन दोनों के बीच सियासी दुश्मनी भी है. हालांकि महारानी दीया को राजनीति में लाने का श्रेय वसुंधरा राजे को ही जाता है. 2013 में वसुंधरा ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी किरोणी लाल मीणा से बदला लेने के लिए सवाई माधोपुर सीट से महारानी दीया को टिकट के लिए तैयार किया था. उस वक्त दीया राजकुमारी थीं.

राजकुमारी दीया ने चुनाव में मेहनत की. नए-नए तरीकों से चुनाव प्रचार, लोगों से अपने जुड़ाव की बदौलत वह चुनाव जीत गईं, वसुंधरा राजे को सरकार की कमान मिली, लेकिन राजघराना और राज्य सरकार के बीच 13 बीघा जमीन को लेकर 23 साल पुराना विवाद फिर सामने आ गया. राजघराने के होटल राजमहल पैलेस होटल को बंद करा दिया गया. यहीं से दोनों के बीच खटास शुरू हो गई.

जयपुर राजघराने और सरकार के बीच संबंध बिगड़ चुके थे. इस बीच वसुंधरा राजे ने एक और गलती कर दी. 2018 के चुनाव में राजकुमारी दीया को विधानसभा टिकट नहीं दिया गया. केंद्र तक बात पहुंची लेकिन वसुंधरा राजे की मनमानी कायम रही. हालांकि छह माह बाद जब लोकसभा चुनाव की बारी आई तो वसुंधरा राजे को मुंह की खानी पड़ी और राजसमंद से दीया ने लोकसभा चुनाव जीता. ऐसा कहा जाता है कि विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट कटने की क्षतिपूर्ति के तौर पर पीएम मोदी की इच्छा से उन्हें लोकसभा के लिए चुना गया था. तब तक राजकुमारी दीया जयपुर की महारानी भी हो चुकी थीं.

राजस्थान में भाजपा के सीएम फेस को लेकर सतीश पूनिया, गजेंद्र सिंह शेखावत और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का नाम चर्चा में था. इसी बीच एक भाजपा नेता ने यह कहकर सियासी तूफान ला दिया कि इस बार भाजपा राजस्थान में सबसे सुंदर चेहरे को सीएम बनाएगी. सबसे सुंदर चेहरे के तौर पर महारानी दीया ही जानी जाती हैं. इस बात ने चर्चा इसलिए पकड़ ली, क्योंकि महारानी वसुंधरा राजे को रिप्लेस करने के लिए महारानी दीया से अच्छा दूसरा विकल्प नहीं मिल सकता.

दीया को सीएम फेस बनाकर भाजपा लीडरशिप राजे से हिसाब चुकता कर सकती है. संघ को भी दीया के नाम से परहेज नहीं है क्योंकि वह कछवाहा राजपूतों के राजघराने से हैं उनके पिता भवानी सिंह भी 1971 में भारत पाक युद्ध में बहादुरी दिखा चुके है और उनकी छवि भी अच्छी है.