पटना के ग्रामीण इलाकों में विकास की नई राह: मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के तहत 115 करोड़ की लागत से बनेंगे 18 नए पुल

बिहार की राजधानी पटना के ग्रामीण इलाकों की तस्वीर बदलने वाली एक अहम योजना अब धरातल पर उतरने को तैयार है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के तहत जिले में 18 नए पुलों का निर्माण किया जाएगा। ग्रामीण कार्य विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और चयनित एजेंसियों को अगले माह काम आवंटित कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के तहत कुल 115 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन पुलों के बनने से न केवल गांवों की कनेक्टिविटी सुधरेगी, बल्कि बरसात के दिनों में लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। छोटे-छोटे नालों और नदियों के कारण बरसात के समय जो संपर्क बाधित हो जाता था, अब वह समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी।
ग्रामीण कार्य विभाग ने पुलों के निर्माण के लिए योजना को 2 चरणों में बांटा है। पहला चरण (वित्तीय वर्ष 2024-25) इस चरण में 14 पुल बनाए जाएंगे, जिन पर 74.87 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन पुलों की कुल लंबाई लगभग 580 मीटर होगी। दूसरा चरण (वित्तीय वर्ष 2025-26): इसमें शेष चार पुलों का निर्माण किया जाएगा। इन पर 41.16 करोड़ रुपये की लागत आएगी और कुल लंबाई लगभग 370 मीटर होगी।
सूत्रों के अनुसार सभी पुलों की स्वीकृति और टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। परियोजना के तहत पटना जिले के कई प्रखंडों को आपस में जोड़ा जाएगा। पटना सदर, पालीगंज, मसौढ़ी, बाढ़ और दानापुर प्रखंडों के ग्रामीण इलाकों में पुलों का निर्माण होगा। इन क्षेत्रों में लंबे समय से लोग मिसिंग ब्रिज की वजह से परेशान थे।
नए पुलों के निर्माण के बाद न केवल आम लोगों की आवाजाही आसान होगी, बल्कि बच्चों को स्कूल और बीमारों को अस्पताल ले जाना भी सरल हो जाएगा। इनके बनने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। किसानों को बरसात के मौसम में अपनी फसल को बाजार तक ले जाने में बड़ी कठिनाई होती थी। कई बार उपज समय पर मंडियों तक नहीं पहुंच पाती थी, जिससे बड़ा नुकसान उठाना पड़ता था।
निर्माण कार्य से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। बड़ी संख्या में मजदूर, तकनीकी कर्मचारी और ठेकेदार इस प्रक्रिया से जुड़ेंगे। इसके अलावा पुलों के बनने से ग्रामीण बाजारों और छोटे व्यवसायों को भी नई रफ्तार मिलेगी। पुल निर्माण का ऐलान मुख्यमंत्री नीतीश की प्रगति यात्रा के दौरान हुआ था। उस समय ग्रामीणों ने सीधे मुख्यमंत्री नीतीश के सामने मिसिंग ब्रिज और कनेक्टिविटी की समस्याओं को रखा था। उनकी मांगों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश ने ग्रामीण सेतु योजना के तहत इन पुलों को मंजूरी देने का आश्वासन दिया था। अब यह योजना अमल के चरण में प्रवेश कर चुकी है। इन पुलों के बनने से सभी समस्या लगभग समाप्त हो जाएगी और ग्रामीणों को सुरक्षित एवं सुगम परिवहन की सुविधा मिलेगी।