जब निकल ही पड़े हैं सफर के लिए तो धूप क्या, मेह क्या, साया क्या...
- जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की अलख जगाई गई, सघन साफ-सफाई की गई
- लोगों का कांरवा जब स्वच्छता ही सेवा के लिए आगे बढ़ा तो इस कार्यक्रम ने लिया जनअभियान का स्वरूप
- ग्रामों में झाड़ी, झिल्ली, पन्नी एवं कचरे की साफ-सफाई की जा रही
- अपने आसपास साफ-सफाई करने, सूखा कचरे को स्वच्छाग्राही को देने, गन्दा करने व कचरा फेंकने पर जुर्माना, डस्टबिन का उपयोग करने की दी गई जानकारी
संवाददाता- गेंदलाल निषाद
राजनांदगांव: कोशिश जब शिद्दत से की जाये तो उसके सुखद परिणाम होते हैं। इसकी एक बानगी जिले में शासन के स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत किए गये कार्यों में दिखाई दी है। लोगों का कांरवा जब स्वच्छता ही सेवा के लिए आगे बढ़ा तो इस कार्यक्रम ने जनअभियान का स्वरूप ले लिया। कहते हैं, जब निकल ही पड़े हैं सफर के लिए तो धूप क्या, मेह क्या, साया क्या...। कुछ इसी तरह जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की अलख जगाई गई और जिले भर में इस अभियान के तहत सघन साफ-सफाई की गई। स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता के तहत स्वच्छता के प्रति जनसामान्य में जागृति की यह लहर दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंची। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में व्यापक तौर पर जिले में स्वच्छता के लिए कार्य किया जा रहा हैं। जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह के निर्देशन में ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई की जा रही है एवं विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। जिला पंचायत की टीम, विभिन्न विभागों तथा जनसामान्य की सक्रिय सहभागिता से निरंतर कार्य किया जा रहा है।
स्वच्छता ही सेवा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में चौक-चौराहे, गली-मोहल्ले में सभी मिलकर साफ-सफाई कर रहे हैं। वहीं एक पेड़ माँ के नाम के तहत पौधरोपण किया जा रहा है। स्कूली बच्चों द्वारा पेंटिंग प्रतियोगिता, प्रश्रोत्तरी प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक, हैण्डवाश करना, स्वच्छता संदेश रैली, कबाड़ से जुगाड़ जैसी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। श्रम संसाधन केन्द्र में स्वच्छता दीदीयों का श्रम पंजीयन कराया जा रहा है। ग्राम चिचोला, बनियाटोला, चकनार, कुमरदा, लालूटोला, झिथराटोला, धरमूटोला, जुरला, कलडबरी, पैलीमेटा, महराजपुर, आमगांव, परेवाडीह, बुदेली, जंगलपुर, आतरगांव, चारभांठा, पेण्ड्री, कोल्हापुरी, खिरथना, खुर्सीपार, खैरा, धाराभाठ, पेंडरवानी सहित सभी ग्रामों में झाड़ी, झिल्ली, पन्नी एवं कचरे कीसाफ-सफाई की जा रही है। माहवारी स्वच्छता हेतु मटका भस्मक बनाया जा रहा है। ग्रामीणजनों को अपने आसपास साफ-सफाई करने, कचरे को इधर-उधर नहीं फेंकने और सूखा कचरे को स्वच्छाग्राही को देने, गन्दा करने व कचरा फेंकने पर जुर्माना, डस्टबिन का उपयोग करने तथा सूखा व गीला कचरा अलग करने की जानकारी दी जा रही है।