बच्चों के बौद्धिक स्तर एवं ज्ञान को सही दिशा देने तथा उनके भविष्य को तराशने में शिक्षकों की महती जिम्मेदारी - कलेक्टर
- बच्चों को खेल-खेल में पढऩे की आदत का करें विकास
- कलेक्टर ने अंगना में शिक्षा एवं स्मार्ट माता के अंतर्गत जिले को प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल करने पर दी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
- कलेक्टर ने जिले में शिक्षा की गुणवत्ता, बुनियादी साक्षरता तथा अन्य गतिविधियों के संबंध में ली बैठक
- अंगना म शिक्षा कार्यक्रम के तहत उत्कृष्ट कार्य करने पर शिक्षक हुए सम्मानित
- स्मार्ट माताओं ने अपने अनुभव किए साझा
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति, मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता, बच्चों के सीखने का बुनियादी स्तर, पढऩे के स्तर में सुधार, मुस्कान पुस्तकालय सहित विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की
संवाददाता- गेंदलाल निषाद
राजनांदगांव। कलेक्टर संजय अग्रवाल कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिले में शिक्षा की गुणवत्ता, बुनियादी साक्षरता तथा अन्य गतिविधियों के संबंध में बैठक ली। समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि राजनांदगांव जिले में जनमानस में सामाजिक सरोकार की भावना है। यहां विभिन्न क्षेत्रों में विद्यार्थी चाहे वह खेल हो, शिक्षा, न्यायिक सेवा, प्रशासनिक सेवा, पुलिस अधिकारी, साहित्य एवं अन्य क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे है उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बच्चों की सीखने की क्षमता में वृद्धि हुई है।
उनके बौद्धिक स्तर एवं ज्ञान को सही दिशा देने तथा उनके भविष्य को तराशने में आपकी महती जिम्मेदारी है। बच्चों की पढ़ाई के लिए एक अच्छा माहौल होना चाहिए। जब अभिभावक आप पर भरोसा करते है, तो ऐसे में आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि बच्चों में जिज्ञासा होनी चाहिए और उन्हें अधिक से अधिक प्रश्र करने के लिए प्रेरित करें। एक बार जब बच्चे सीखना एवं पढऩा समझने लगते है, तो अन्य बच्चों पर ध्यान दे सकते हैं। उन्हें आस-पास के परिवेश एवं स्थानीय ज्ञान से परिचित कराएं तथा खेल-खेल में पढऩे की आदत का विकास करें। बच्चा सबसे पहले अपने घर में सीखता है।
विशेष कर घर से संस्कार एवं स्कूल में अनुशासन सीखता है। बच्चों को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने देश के पूर्व राष्ट्रपति एवं प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पंक्तियों को स्मरण करते हुए कहा कि सपने वो नहीं, जो आप सोते वक्त देखते हैं, सपने वो होते है जो आपको सोने नहीं देते। विद्यार्थियों के जीवन को संवारने के इस महती कार्य से जब वे कुछ बन जाएंगे, तो वे आपको आजीवन याद करेंगे। कलेक्टर ने अंगना में शिक्षा एवं स्मार्ट माता के अंतर्गत जिले को प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल करने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई के लिए सकारात्मक ऊर्जा होनी चाहिए। वे अच्छी बातों को ग्रहण करें यह उनके दिल एवं दिमाग में रोपित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षक एक पीढ़ी को परिवर्तन करने की मुहिम से जुड़े हुए हैं, इस दृष्टिकोण से आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है। हमारा देश विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सभी क्षेत्रों में विकास की पथ की ओर अग्रसर है। हमें बच्चों की गुणवत्तायुक्त शिक्षा पर ध्यान देते हुए उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता, बच्चों के सीखने का बुनियादी स्तर, पढऩे के स्तर में सुधार, गणित के स्तर में सुधार, समग्र शिक्षा अंतर्गत संचालित योजनाएं, अंगना म शिक्षा, कबाड़ से जुगाड़, मुस्कान पुस्तकालय, शाला प्रबंध समितियों का गठन एवं प्रशिक्षण, घरेलू भाषा में शिक्षा, संपर्क डिवाइन के माध्यम से पढ़ाई सहित विभिन्न मुद्दो पर समीक्षा की।
जिला पंचायत सीईओ सुरूचि सिंह ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा अंतर्गत बैग लैस डे में बच्चों ने स्वच्छता के लिए बहुत अच्छा कार्य किया है। आगे भी किशोरी बालिकाओं में एनिमिया की रोकथाम के लिए सभी के सहयोग की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में माताएं खुद ही अपने बच्चों को पढ़ा रही है। किसान एवं मजदूर अपने व्यावहारिक ज्ञान अपने बच्चों को बताएं। साथ ही स्कूलों में आज के दिन का विचार लिखा जाना चाहिए तथा मूल्यों पर आधारित सभा का आयोजन होना चाहिए। इसके क्रियान्वयन के अच्छे प्रभाव होंगे। बच्चों को खेल-खेल में सीखने के लिए प्रोत्साहित करें। इस अवसर पर अंगना म शिक्षा कार्यक्रम के तहत माताओं को जागरूक करने तथा शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार व अन्य विभागीय गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
इस दौरान स्मार्ट माताओं ने अपने अनुभव साझा किए। डोंगरगांव के ग्राम किरगी की स्मार्ट माता हितेश्वरी पटेल ने छत्तीसगढ़ी में बताया कि कोरोना के समय लईका मन के पढ़ई के चिंता हो गे रिहिस। स्कूल के शिक्षक मन घर म लईका मन ला पढ़ाए के विधि बतईस। जोडऩा, घटाना सब बताईस। खाना बनात-बनात भी मै ह अपन लईका मन ला पढ़ाए। वो मन ला टमाटर, आलू ल गिन के रखे बर केहेव। मोर लइका ह पहाड़ा याद कर लिस। श्रीमती मणेश्वर कंवर ने छत्तीसगढ़ी में बताया कि मै ह बाड़ी म लइका मन ला सब्जी के रंग और स्वाद के बारे म सिखाए। ग्राम चिचदो की मधु साहू ने बताया कि मोर लइका मन ह 32 तक के पहाड़ा सिख गे हे। खाना बनात-बनात वो मन ला रोज पढ़ाथो। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त अभिषेक गुप्ता, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरत्न, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास गुरूप्रीत कौर, उप संचालक समाज कल्याण बीएल ठाकुर, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास दीक्षा गुप्ता, डाईट प्रभारी खैरागढ़ सुनील शर्मा, जिला मिशन समन्वयक सतीश ब्यौहरे, सहायक नोडल आदर्श वासनिक, एपीसी रफिक अंसारी, एडीपीओ पीआर झाड़े, मनोज मरकाम सहित सभी बीईओ एवं बीआरसी उपस्थित थे।