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दर्शन एकेडमी, दिल्ली ने अपना वार्षिकोत्सव समारोह मनाया

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 दर्शन एकेडमी, दिल्ली ने अपना वार्षिकोत्सव समारोह मनाया

दिल्ली: होलिस्टिक एजूकेशन और शांतिपूर्ण शिक्षा के 25 से अधिक गौरवशाली वर्ष पूरे होने पर दर्शन एजूकेशन फाउंडेशन के तत्त्वाधान में दर्शन एकेडमी, दिल्ली ने अपना वार्षिकोत्सव समारोह मनाया।
 

भारत के प्रमुख शिक्षा संस्थानों में से एक दर्शन एकेडमी ने नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में वार्षिकोत्सव समारोह के एक शानदार कार्यक्रम में प्रेम, शांति और संपूर्ण शिक्षा की एक मनमोहक प्रस्तुति पेश की। 


यह एक यादगार दिन था क्योंकि इस अवसर पर पूरे भारतवर्ष से शिक्षा जगत के गणमान्य व्यक्ति, प्रिंसिपल, छात्र, शिक्षक और अन्य सदस्य होलिस्टिक और नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा के एक भव्य उत्सव को मनाने के लिए एकत्र हुए, जिन्होंने शिक्षा की भावना को उजागर किया। शिक्षा का यह प्रमुख संस्थान पिछले 26 वर्षों से छात्रों का चहुमुखी विकास कर रहा है। सफलता के इन 26 वर्षों में दर्शन एजूकेशन फाउंडेशन जिसकी छत्रछाया में दर्शन एकेडमी फल-फूल रही है, ने छात्रों को होलिस्टिक एजूकेशन की शिक्षा प्रदान की है, जो छात्रों की नैतिक प्रगति पर फोकस करती है।


आज भारत में 23 दर्शन एकेडमियों और कोलंबिया, दक्षिण अमेरिका में एक दर्शन एकेडमी के साथ दर्शन एजूकेशन फाउंडेशन होलिस्टिक एजूकेशन, शांतिपूर्ण शिक्षा और बच्चों के चहुंमुखी विकास के लिए कार्यरत है। 
कायक्रम की अध्यक्षता दर्शन एजूकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने की, जिनके मार्गदर्शन में यह शिक्षा संस्थान कार्य कर रहा है।  
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने कहा कि मुझे यहां आकर बहुत ही खुशी हो रहा है क्यांकि हम एक विशेष थीम ‘पीसफुल हार्ट्स, पीसफुल प्लैनेट’ का उत्सव मना रहे हैं। हमारे इस ग्रह को क्या चीज़ शांतिपूर्ण बना सकती है? हम सभी मिलजुलकर इस ग्रह पर रहते हैं और एक-दूसरे पर गहरा प्रभाव डालते हैं। हम सभी व्यक्ति मिलकर एक समाज बनाते हैं, उन समाजों से मिलकर शहर बनता है, शहर को मिलकर देश बनाता है और कई देशों से मिलकर ग्लोब बनता है। इसीलिए यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण है कि हम सभी व्यक्ति शांतिपूर्ण ढंग से रहें। 


जैसा कि दर्शन एजूकेशन फाउंडेशन 26 साल पहले अस्तित्व में आया था, तो उस समय शांतिपूर्ण व्यक्तियों की आवश्यकता आज पहले से ज्यादा थी। इसके द्वारा दुनियाभर के विशेषज्ञों ने एक विशेष शांतिपूर्ण पाठ्यक्रम तैयार किया है, जिसमें छात्र अपने दिल की शुरूआत ध्यान-अभ्यास से करते हैं और नैतिक मूल्यों को धारण करने और संघर्ष और असहमति को अपने अंदर से दूरने करने की तकनीक सीखते हैं। 


संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने इस अवसर पर कहा कि वास्तव में शांति प्राप्त करने के लिए हमारे अंदर सभी के प्रेम और अहिंसक सिद्धांतों को अपनाने की आवश्यकता है। जब हम ध्यान-अभ्यास करते हैं तो हम पिता-परमेश्वर के प्रेम और प्रकाश से भर जाते हैं और दूसरों में अच्छाई को देखना सीखते हैं। अंदर से मिली इस शांति की झलक हमें दूसरों में भी दिखाई देती है औ जो हमें और ज्यादा प्रेम से भरा हुआ अथवा अहिंसक बनाती है। ये नैतिक मूल्य एक शांतिपूर्ण ग्रह के लिए हमारा मार्गदर्शन करते हैं और हमारे लिए सच्ची शांति पाने का आधार तैयार करते हैं। मैं एक समान पीढ़ी तैयार करने के लिए दर्शन एजूकेशन को बधाई देना चाहता हूं जो भविष्य में एक शांतिपूर्ण दुनिया का नेतृत्व करेगी। 


कार्यक्रम की थीम ‘शांतिपूर्ण हृदय और शांतिपूर्ण ग्रह’ पर बोलते हुए शिक्षा जगत और अन्य क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों ने एकेडमी की उत्कृष्टता के अलावा छात्रों को दी जाने वाली नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा के मूल सिद्धांतों को विकसित करने के महत्त्व पर जोर दिया। 


स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने दर्शन एजूकेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा और नैतिक मूल्य एक छात्र के चरित्र को उपर उठाने और राष्ट्र को एकजुट करने में महत्त्व पूर्ण भमिका निभाते हैं। दर्शन एजूकेशन महान संत, संत राजिन्दर सिंह जी महाराज के मार्गदर्शन में एक अच्छे इंसानों को तैयार करने के लिए भरपूर कोशिश कर रहा है।


भारत में रवांडा गणराज्य की उच्चायुक्त जैलिन मुकनगिरा ने कई विश्व नेताओं का उदाहरण देते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि शांति तभी प्राप्त होती है जब अपने अंदर से हिंसा और भेदभाव को मिटा दिया जाता है, जिससे एकजुटता और एकता की दुनिया विकसित होती है। 


नाईजीरिया उच्चायोग के चांसरी प्रमुख रेगेह जॉन एम ने कहा कि आज सारी दुनिया शांति की तलाश में है और उन्होंने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि इस वार्षिकोत्सव की थीम भी शांति ही है। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. धनंजय जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि छात्रों को एक नेक और अच्छा इंसान बनाने के लिए यह शिक्षा संस्थान पूरे देश में प्रमुख रूप से काम कर रहा है। 


इस अवसर पर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने स्कूल की वार्षिक पत्रिका ‘दार्शनिका-2023 का विमोचन किया, जो स्कूल में छात्रों की क्रिएटिविटी, प्रतिभा और स्किल्स को प्रदर्शित करती है।
इस विशेष कार्यक्रम में दर्शन एकेडमी, दिल्ली के दो पूर्व छात्रों ने अपनी सफलता का श्रेय नैतिक मूल्यों पर आधारित दर्शन एकेडमी की शिक्षा प्रणाली को देते हुए अपने अल्मा मेटर का आभार व्यक्त किया।


दर्शन एकेडमी, दिल्ली के पूर्व छात्र और वर्तमान में इसरो के वैज्ञानिक दिव्यांश प्रकाश जिनकी टीम ने पिछले महीने चन्द्रयान-3 के ऐतिहासिक प्रक्षेपण में महत्वपूर्ण भमिका निभाई थी ने कहा कि चंद्रयान-3 के साथ जुड़ना एक गौरव का क्षण था और मैं अपने दर्शन एकेडमी के शिक्षकों का आभारी हूं जिन्होंने बड़े प्रेम, विनम्रता और शांति के मूल्यों के आधार पर मेरे व्यक्तित्व और करियर को आकार देने में महत्वपूर्ण भमिका निभाई।


दर्शन एकेडमी, दिल्ली के एक अन्य पूर्व छात्र हिन्दी फिल्म उद्योग में संगीत निर्देशक के रूप में नाम कमा रहे अमन पंत ने जीवन भर अच्छाई और शांति के मूल्यों को स्थापित करने के लिए दर्शन एकेडमी को दिल से धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में दर्शन एकेडमी, दिल्ली के विभिन्न छात्रों द्वारा शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल थीं, जिन्होंने अपने चारों ओर प्रेम और शांति की अद्भुत वायुमंडल बनाते हुए भव्य दृश्य प्रस्तुत किया।
शिक्षा और आध्यात्मिकता के शक्तिशाली माध्यमों के द्वारा शांति और एकता की इस उन्नत शाम को मनाने के लिए एक ग्रुप फोटोग्राफ के बाद धन्यवाद प्रस्ताव के साथ वार्षिकोत्सव समारोह संपन्न हुआ।