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पृथ्वी के पंचतत्व (भूमि, गगन, वायु, अग्नि और जल) की स्वच्छता,संरक्षण एवं संवर्धन विषय पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन

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 पृथ्वी के पंचतत्व (भूमि, गगन, वायु, अग्नि और जल) की स्वच्छता,संरक्षण एवं संवर्धन विषय पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन

भोपाल: मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल के सहयोग से संस्था आर्यन-अर्जिता एजुकेशन सोसायटी द्वारा भोपाल शहर के विभिन्न स्थानों पर सचित्र चलित प्रदर्शनी के माध्यम से पृथ्वी के पंचतत्व (भूमि, गगन, वायु, अग्नि और जल) की सुरक्षा एवं संवर्धन विषय पर दो दिवसीय जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के समन्वयक विक्रान्त वर्मा से इस जागरूकता कार्यक्रम के बारे में हमारे सिटी संवाददाता को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि, इस कार्यक्रम का उद्देश्य आम नागरिकों, महिलाओं, स्कूली एवं महाविद्यालयीन छात्र/छात्राओं को को पर्यावरण की स्वच्छता, सरंक्षण  एवं संवर्धन के प्रति व्यक्तिगत रूप से रूचि लेने एवं इसका निरंतर अनुसरण करने के लिये आयोजित किया जा रहा है क्योंकि, पर्यावरणीय पंचतत्वों भूमि, गगन, वायु, अग्नि और जल प्रदूषण वृद्धि का मुख्य कारण हम मानवों की अवांछित गतिविधियां हैं, जो प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन करते हुए इस पृथ्वी को कूड़े-कचरे का ढेर बना रही है।

कूड़ा-कचरा इधर-उधर फेंकने, जलाने, पानी में बहाने से पर्यावरणीय पंचतत्वों भूमि, गगन, वायु, अग्नि और जल प्रदूषित हो रहे हैं, जो संपूर्ण प्राणी-जगत के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं । परिणामस्वरूप बंजर भूमि का बढना, कृषि क्षेत्रों का घटना, खाद्यान संकट पैदा होना, पानी की कमी होना, जैव विविधता पर खतरा, असमय बदलते मौसम, बाढ़, सूखा, भारी बर्फभारी तथा ग्लोबल वार्मिंग की समस्या इत्यादि आये दिन देखने को मिल रही है ।  
हमारे सवांददाता से चर्चा करते हुए कार्यक्रम समन्वयक ने आगे बताया कि, किस तरह ग्रामीण क्षेत्रों में रसायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों तथा जीवाणु नाशकों के अत्याधिक उपयोग तथा बहुफसल प्रणाली से भूमि के अधिक उपयोग की वजह से मिट्टी की पारिस्थितिकी बदल रही है और उसमें इतनी विकृतियां आ गई हैं कि यह अपनी प्राकृतिक संरचना और उर्वरता बनाए रखने के लिए आवश्यक तत्त्व खो चुकी है । 

पर्यावरणीय पंचतत्वों के असमान्य होने से हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है तथा इसके साथ-साथ पृथ्वी पर रहने वाले जीव-जंतु, पैड़-पौधे भी प्रभावित हो रहे हैं तथा हमारा पारिस्थितिकि तंत्र असमान्य हो रहा है जिसके कारण जैव विविधता, पशु पक्षी, पेड़-पौधे जो हमारी प्रकृति के अभिन्न अंग है, धीरे-धीरे विलुप्त होने की कगार पर पहुंच रहे है ।

प्रदर्शनी के माध्यम से आयोजित किये जा रहा यह जागरूकता कार्यक्रम जिला भोपाल में स्थित शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न स्थानों में आयोजित किया गया। इस हेतु कामेंट्री का प्रसारण, प्रशिक्षित तीन कर्मचारियों का स्टॉफ, पंपलेट्स का वितरण का सहयोग भी लिया जा रहा है और इसका अच्छा प्रतिसाद भी प्राप्त हुआ।