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बांधवगढ़ के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटकों को रुकने के लिए तैयार हो रहे होम स्टे

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 पर्यटको को मिलेगा होम स्टे मे रूकने की सुविधा।

संवाददाता: राम विनोद पटेल 

उमरिया म.प्र.। उमरिया जिले के मानपुर ब्लाॅक के अन्तर्गत मरईकला गांव मे मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की मदद से संस्था मानव जीवन विकास समिति कटनी द्वारा 6 होम स्टे डेवलप किये जा रहे है। हाल ही मे मरईकला गांव मे रामकली जगदीश सिंह के यहां होम स्टे बनकर तैयार हो गया है। मरईकला गांव मे 6 होम स्टे बनेंगे जिसमें से 1 होम स्टे बनकर तैयार हो गया है और 5 होम स्टे का काम प्रगति पर है। 

होम स्टे उद्घाटन समारोह कार्यक्रम में मुम्बई से पहुंचे डायट्रेंड्स ज्वेलरी प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी के निदेशक यतीष मेहता, एकता परिषद के महासचिव अनीस कुमार, मानव जीवन विकास समिति के सचिव निर्भय सिंह, बनचाचर ग्राम पंचायत सरपंच छोटेलाल, समरकोईनी ग्राम पंचायत सरपंच पीताम्बर, सचिव अभिनव पटेल, मानव जीवन विकास समिति कार्यकर्ता राधिका तिवारी और रामप्रकाश पटेल एवं सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति में नवीन होम स्टे का फीता काटकर उद्घाटन किया गया।
डायट्रेंड्स कम्पनी के निदेशक ने होम स्टे ने इस कार्यक्रम की सराहना की

मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड भोपाल और मानव जीवन विकास समिति कटनी को धन्यवाद दिया और कहा आपके इस सार्थक प्रयासों से मध्य प्रदेश  ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
 
पर्यटको को पार्क, किला, म्युजियम, पहाड़, जंगल, झरना एवं आदि का आनंद मिलेगा।   

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे पर विविध प्रकार की गतिविधियां संचालित की जायेगी।

मरईकला गांव पहाड़ों एवं जंगलों से घिरा हुआ है जिसका आनंद भी पर्यटक को मिल सकेगा। 
मरईकला गांव के 35 किलोमीटर की दूरी पर बांधवगढ़ नेशनल पार्क एवं प्राचीन किला स्थित है।
बांधवगढ़ से लगा हुआ ताला गांव मे म्युजियम होने से आकर्षक का केन्द्र बना हुआ है। 
मरईकला गांव से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर कुठुलिया झरना ऐतिहासिक पर्यटक है।
मरईकला गांव से महज 9 किलोमीटर की दूरी पर जुहला और सोनभद्र नदि का दशरथ संगम स्थल ऐतिहासिक पर्यटक स्थल का आनंद पर्यटक को मिलेगा।

पर्यटको को लोकल कल्चरर एवं लोकल कलाओं का भी आनंद मिलेगा।
 
लोकल कल्चरर सैला नृत्यए करमाए राईए भजन आदि गतिविधियां आयोजित की जाती है। 
बांस से बनी कलात्मक वस्तुओं टोकरी, टोपी, खोम्हरी, सीका, पनवेलिया आदि बनाये जाते है। 
मिट्टी के कलात्मक वस्तुऐं मटका, सुराही, कुल्हड़, दिया, चकरा, चकिया आदि बनाये जाते है। 
उक्त सभी गतिविधियों का पर्यटक आनंद ले सकेंगे।