DAVV Indore: लंबे इंतजार के बाद देवी अहिल्या विश्वविद्याल के विभिन्न अध्ययनशालाओं के स्ववित्त शिक्षकों को पदोन्नत कर दिया। मंगलवार को कुलपति डा. रेणु जैन ने 16 शिक्षकों को पदोन्नति पत्र सौंपे, जिसमें कुछ शिक्षकों को रीडर से प्रोफेसर बनाया गया, वहीं, कुछ एसोसिएट प्रोफेसर बनाए गए हैं।

तीन शिक्षकों की ग्रेड बढ़ाई है। ये सारे शिक्षक बीते सात साल से अपने लिफाफे खुलने का इंतजार कर रहे थे। इसमें आइएमए, आइआइपीएस, आइईटी के अधिकांश शिक्षक शामिल हैं।

दरअसल, 2012-13 में कई शिक्षकों को पदोन्नत किया जाना था। स्ववित्त विभागों में पदस्त इन स्ववित्त शिक्षकों को करियर एडवांसमेंट स्कीम (केस) के नियमों के चलते लाभ मिला था, लेकिन साढ़े तीन साल बाद अगस्त 2016 में इनकी पदोन्नति को लेकर साक्षात्कार करवाए गए। डा. कपिल शर्मा, डा. एनके तोतला, डा. मनीषकांत आर्य, डा. गीता नेमा, डा. गीता शर्मा, डा. मनीष सितलानी, डा. ज्योति शर्मा, डा. प्रीति सिंह, डा. सुरेन्द्र मालवीय, डा. मुस्कान करमचंदानी, डा. गौरव पुरोहित, डा. यामिनी करमरकर, डा. नागेंद्र सोहनी, डा. मनिंदर सिंह सलूजा, संतोष चौबे, डा. निशाबानो सिद्धकी शामिल है।

2016 में पदोन्नति को लेकर आपत्ति लगाई। तर्क दिया कि केस के दायरे में स्ववित्त शिक्षक नहीं आते हैं। शिकायत राजभवन से लेकर उच्च शिक्षा विभाग तक की गई। विश्वविद्यालय के एक कार्यपरिषद सदस्य ने न्यायालय में भी याचिका लगा दी। इसके चलते विश्वविद्यालय ने साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी करवाने के बावजूद इनकी पदोन्नति के लिफाफे नहीं खोले।

दो महीने पहले उच्च शिक्षा विभाग ने पदोन्नति के लिफाफे खोलने को लेकर हरी झंडी दे दी। इस बारे में शासन का पत्र कार्यपरिषद की बैठक में विश्वविद्यालय ने रखा। उसके आधार पर इन शिक्षकों के पदोन्नति के लिफाफे खोले गए। कुलपति डा. रेणु जैन ने कहा कि सारे शिक्षकों को पदोन्नति से जुड़ा पत्र सौंपा गया।