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MP News: सीएम शिवराज ने कोटवारों के लिए की बड़ी घोषणा, मानदेय ₹4 हजार से बढ़ाकर ₹8 हजार किया

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MP News: सीएम शिवराज ने कोटवारों के लिए की बड़ी घोषणा, मानदेय ₹4 हजार से बढ़ाकर ₹8 हजार किया

Bhopal News: मध्य प्रदेश के कोटवारों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कई ऐलान की है। बता दे राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में कोटवारों महापंचायत का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोटवार गांव के चलते-फिरते गूगल हैं। कोटवार का काम कलेक्टर-कमिश्नर नहीं कर सकते। जैसे बिना ग्राम देवता की पूजा के कोई शुभ कार्य प्रारंभ नहीं होता, वैसे ही बिना कोटवार की जानकारी के गांव में कोई काम आगे नहीं बढ़ता। आप प्रशासन के लिए कर्णधार हैं। आपके पास गांव की सभी जानकारी होती है, जिसके आधार पर कई कार्य सहजता से संपन्न हो जाते हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में आयोजित 'कोटवार सम्मेलन' में प्रदेश के कोटवारों को दी बड़ी सौगातें 

कोटवारों के मानदेय में हर साल ₹500 की वृद्धि होगी।

ऐसे कोटवार जिनके पास सेवा भूमि नहीं है, उनका मानदेय ₹4,000 से बढ़ाकर ₹8,000 किया जाएगा।

तीन एकड़ तक सेवा भूमि वाले कोटवारों का मानदेय ₹1,000 से बढ़ाकर ₹2,000 किया जाएगा।

साढ़े 7 एकड़ तक सेवा भूमि वाले कोटवारों का मानदेय ₹600 से बढ़ाकर ₹1200 किया जाएगा।

10 एकड़ तक सेवा भूमि वाले कोटवारों को न्यूनतम मानदेय ₹1000 दिया जाएगा।

कोटवार पद पर नियुक्ति के लिए कोई न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता नहीं होगी।

हर कोटवार को सीयूजी सिम दी जाएगी। रिचार्ज के लिए प्रतिमाह पैसा शासन देगा।

कोटवार परिवारों की हर बहन को लाड़ली बहना योजना का लाभ दिया जाएगा।

सभी कोटवारों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाएगा।

सभी कोटवारों की वर्दी का रंग अब खाकी होगा।

कोटवार भाई-बहनों को रिटायरमेंट के बाद ₹1 लाख की राशि दी जाएगी।

गौरतलब है कि प्रदेश में 37000 के लगभग कोटवारे है इनमें से 19,000 से अधिक कोटवारों के पास सेवा भूमि नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सेवा भूमि दिए जाने को लेकर बड़ी घोषणा की है। पिछले चुनाव से पहले 2018 में कोटवारों का वेतन 2000 से बढ़कर 4000 किया गया था। यह वेतन उन्हें दिया जाता है, जिनके पास भूमि नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  ने कहा कि मेरे कोटवार भाइयों-बहनों, ये सफर यहीं नहीं रुकेगा, आगे भी मैं आपके भलाई के लिए काम करता रहूंगा। आप गांव की चिंता करिए, आपकी चिंता करने का काम मेरा है।