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शिवराज सिंह चौहान है ‘‘रेडियो गप्पिस्तान’’ - धोखा है भाजपाई पहचान! रणदीप सुरजेवाला

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 शिवराज सिंह चौहान है ‘‘रेडियो गप्पिस्तान’’ - धोखा है भाजपाई पहचान! रणदीप सुरजेवाला

समर्थन मूल्य का ‘‘सच छिपाया’’! किसानों की योजनाओं पर ‘‘ताला लगाया’’!

कांग्रेस सरकार देगी स्वामीनाथन से ज्यादा समर्थन मूल्य!

संवाददाता - अमित कुमार गुप्ता

भोपाल: शिवराज सरकार के 18 सालों को ‘दमनकारी’, ’क्रूर’, ’कपटी’ और ‘किसान विरोधी काल’ के रूप में याद किया जायेगा। फसलों के दाम मांगने पर किसानों के सीने पर गोलियां चलाने वाले शिवराज ने हमेशा किसानों के साथ छल किया है। ‘रेडियो गप्पिस्तान - शिवराज सिंह चौहान’ के भाजपाई छल का खुलासा जानें। 


1. समर्थन मूल्य मध्य प्रदेश के किसान की लागत से कहीं कम - शिवराज सरकार ने इस बात को धोखे से छिपाया 
हाल में मोदी सरकार द्वारा रबी फसल सीजन 2024-25 के लिए समर्थन मूल्य की घोषणा की गई। शिवराज सिंह चौहान ने फौरन मोदी जी को बधाई दे डाली। 
बधाई में किसानों के साथ घिनौना छल यह था कि खुद शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश में रबी फसलों को पैदा करने की किसान की लागत को इससे कहीं ज्यादा बताया था। यह बात बाकायदा मोदी सरकार के कृषि मूल्य एवं लागत आयोग’ को लिखकर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने दी थी। यही नहीं, भाजपा शसित दोनों पड़ोसी राज्यों, महाराष्ट्र व गुजरात ने भी किसान की रबी फसल की लागत घोषित MSP से अधिक बताई थी। 


निम्नलिखित चार्ट इसका सबूत है।
Crop    MSP 
(2024-25)    म.प्र ने MSP मांगी
2024-25

महाराष्ट्र ने MSP मांगी    2024-25  

गुजरात ने MSP मांगी 2024-25
गेहूं    2275     2400    4131    3850
जौ    1850     1925    सुझाव नहीं    सुझाव नहीं
चना    5440     5500    6508    6710
मसूर    6425     6400    सुझाव नहीं    सुझाव नहीं
सरसों    5660     6000    सुझाव नहीं    6820
कुसुम    5800     सुझाव नहीं    6154    सुझाव नहीं
                
क्या किसान के साथ इससे बड़ा धोखा हो सकता है?


2. सीहोर, म.प्र. में किसान से किया ‘‘लागत+50%’’ देने का वादा भी निकला कोरी झूठ और धोखा
फरवरी, 2016 में प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश के किसानों की धरती सीहोर में मध्य प्रदेश व देश के किसानों को वादा किया कि MSP यानि समर्थन मूल्य ‘‘लागत+50%’’ होगा। रबी फसलों के घोषित समर्थन मूल्य के इस वादे का धोखा भी देखेंः-

Qly    MSP 
(2024-25)    स्वामीनाथन
 C 2 + 50
        
गेहूं    2275     2478
जौ    1850     2421
चना    5440     6820
मसूर    6425     7335
सरसों    5660     6102
कुसुम    5800     8121
भाजपाई धोखा साफ है!
3.एक और बड़ा धोखा - किसान की फसल MSP पर खरीदी ही नहीं
बड़ी-बड़ी डींगें मारने वाली केंद्रीय भाजपा सरकार MSP की घोषणा तो करती है, पर किसान की फसल MSP पर खरीदती ही नहीं। यह बात साल 2022-23 के ताजा जारी आँकड़ों से साफ है। 
क्रमांक    फसल    उत्पादन (लाख टन में)    MSP पर फसल खरीद (लाख टन में)    कुल उत्पादन के मुकाबले MSP पर फसल खरीद का%
1    धान    1302.9    651.70    50.00
2    गेहूँ    1068.4    187.92    17.59
3    तिलहन (सोयाबीन, सूरजमुखी, सरसों, 
मूंगफली, तिल आदि)    376.96    0.48    0.13
4    दालें    276.9    1.2    0.43
5    ज्वार, बाजरा, रागी व मक्का    491.7    1.28    0.26
सच्चाई सामने है - भाजपा की MSP सिर्फ कागजी है।
4. "भावांतर योजना’’ का चौंकाने वाला सच
शिवराज चौहान ने पर्ची देकर जे.पी. नड्डा से 02 सितंबर, 2023 को चित्रकूट में चुनावी घोषणा करवा दी कि मध्य प्रदेश में भावांतर योजना बहुत अच्छी चल रही है। 
सच्चाई यह है कि म.प्र में शिवराज सरकार ने भावांतर योजना पर ताला लगा दिया है। साल 2023-24 के बजट में भावांतर योजना में ₹1,000 का प्रावधान है। वहीं, साल 2021-22 और साल 2022-23 में एक फूटी कौड़ी भी इस योजना में खर्च नहीं की। 
जबकि मप्र की कांग्रेस सरकार ने 2019-20 में इस योजना में 422.84 करोड़ रूपये खर्च किये थे, तथा किसानों को लाभ दिया था। 
5. भाजपा सरकार ने किसान कल्याण विभाग को किसान दुर्दशा विभाग बनाया
शिवराज सरकार ने पिछले 6 माह अर्थात अप्रैल से सितम्बर 2023 तक किसान कल्याण विभाग की 23 केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में से 19 योजनाओं में एक भी पैसा खर्च नहीं किया है। जैसे परंपरागत कृषि विकास योजना, स्वाईल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना, ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरणों पर अनुदान जैसी इत्यादि। म. प्र. के वित्त विभाग का दस्तावेज संलग्नक A1 है।
6. मध्य प्रदेश में किसान की आय मजदूर की दिहाड़ी से कम। 
नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि मंत्री के कृषि विभाग की संसदीय समिति ने बताया कि मप्र के किसानों की आमदनी साल 2015-16 में ₹9,740 प्रतिमाह से घटकर ₹8,339 प्रतिमाह रह गई है, यानि ₹277 प्रतिदिन, प्रति किसान परिवार। इसका मतलब पाँच सदस्यों के किसान परिवार में आय है ₹55 प्रति सदस्य प्रतिदिन।
इसीलिए, शिवराज सरकार के 18 सालों में 20,489 किसानों को आत्महत्या के लिए विवश किया गया। 
7. ‘किसान सम्मान निधि’  बनी  ‘किसान अपमान विधि’
एक तरफ तो मोदी- शिवराज सरकारों ने पिछले 9 वर्षों में खेती की लागत ₹25,000 प्रति हेक्टेयर बढ़ा दी, तो दूसरी ओर उन्हीं की जेब से बढ़े हुए डीज़ल-खाद-बिजली-बीज से पैसे वसूली कर किसान को ₹6,000 प्रति किसान परिवार प्रतिवर्ष देने का स्वांग रचा। 
पर अब केंद्रीय भाजपा सरकार करोड़ों किसानों का हक छीन धोखा कर रही है। संसद में 08 अगस्त, 2023 को भाजपा सरकार ने आँकड़े पेश किए, जिससे साफ हो गया कि साल 2023-24 में 2,15,01,132 (2.15 करोड़) किसानों को किसान सम्मान निधि से वंचित कर दिया गया है, वहीं म.प्र. में तो यह आँकड़ा और चौंकाने वाला है। म. प्र. के 8,97,208 किसानों को वंचित कर दिया गया है।
8. कांग्रेस देगी किसानों को स्वामीनाथन आयोग से अधिक बड़ी सौगात
कांग्रेस ने वचन दिया है कि वे मप्र के किसानों को गेहूं का समर्थन मूल्य 2,600 रू. प्रति क्विंटल देंगे तथा धान का समर्थन मूल्य 2,500 रू. प्रति क्विंटल देंगे और इसे भविष्य में 3,000 रू. तक बढ़ा देंगे। किसानों को यह सौगात स्वामीनाथन समिति की सिफारिश से भी अधिक है।
कांग्रेस का यह भी वचन है कि मप्र के किसानों के पांच हॉर्स पॉवर तक के सिंचाई के पंप का बिजली बिल पूरी तरह माफ रहेगा।