स्वदेशी’ सिर्फ आर्थिक विषय नहीं, यह हमारी संस्कृति और आत्मा का हिस्सा है: रणवीर सिंह रावत
Oct 8, 2025, 14:24 IST
| 
भोपाल: BJP के प्रदेश महामंत्री रणवीर सिंह रावत ने मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान‘ को लेकर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान’ विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी भारत को आत्मनिर्भर बनाने स्वदेशी को बढ़ावा दे रहे हैं। स्वदेशी एक नारा नहीं, भारतीयों का संकल्प और जीवन पद्धति है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने देश की जनता स्वदेशी अपनाकर योगदान दे। ‘स्वदेशी’ सिर्फ आर्थिक विषय नहीं, यह हमारी संस्कृति और आत्मा का हिस्सा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि स्वदेशी एक ऐसा अभियान है जो देश के भविष्य को मजबूत करता है और इसका नेतृत्व समाज, विशेषकर युवाओं को करना चाहिए। देश के युवा स्वदेशी, स्वभाषा और स्वभूषा को बढ़ावा देकर देश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहभागिता करें। इस दौरान स्वदेशी अपनाने के स्टीकर, लोगो का विमोचन किया गया।
आजादी के बाद पश्चिमी मॉडल अपनाया, स्वदेशी को प्रोत्साहन नहीं दिया गया
भाजपा के प्रदेश महामंत्री रणवीर सिंह रावत ने कहा कि देश की आजादी के बाद की सरकारों ने पश्चिमी मॉडल को अपनाया और स्वदेशी को प्रोत्साहन नहीं दिया। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनने के बाद स्वदेशी को बढ़ावा दिया गया। वर्ष 2014 से पहले हमारी सेनाओं को बुलेट प्रूफ जैकेट तक विदेशों से मंगाई जाती थी। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2014 से पहले भारत का रक्षा निर्यात मात्र 600 करोड़ के करीब था। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज भारत का रक्षा निर्यात 23 हजार करोड़ से अधिक पहुंच चुका है। भारत वर्तमान में प्रति वर्ष 2 लाख करोड़ के मोबाइल निर्यात कर रहा है। मोबाइल निर्माण में भारत विश्व में दूसरे नंबर पर है। आटोमोबाइल, ट्रैक्टर निर्माण में भारत विश्व में प्रथम स्थान पर, बस निर्माण में दूसरा स्थान और ट्रक निर्माण में भारत तीसरे स्थान पर है। रक्षा क्षेत्र में निर्यात 13 गुना बढ़ा है। रक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां भारत ने हासिल की हैं। जीएसटी की कटौती के मूल में भी आत्मनिर्भर भारत का निर्माण है। यह केवल मेक इन इंडिया नहीं, बल्कि मेड बाय इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड का विजन है। स्वदेशी का मतलब ही है कि जिसे बनाने में भारतीयों का पसीना बहा हो। प्रधानमंत्री वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य लेकर कार्य कर रहे हैं। विकसित राष्ट्र के सपने को पूरा करने के लिए भाजपा ने ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान‘ चलाने का निर्णय लिया है। यह अभियान 25 सितंबर से शुरू हो चुका है, जो 25 दिसंबर तक चलेगा।
लघु उद्योगों को बढ़ावा देना, आयात पर निर्भरता से मुक्त बनाना है
रणवीर सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देशभर में भाजपा द्वारा चलाए जा रहे ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान‘ में स्वदेशी और लघु उद्योगों को बढ़ावा देना है। यह अभियान विकसित भारत बनाने की गति को तेज करने के साथ देश को आयात पर निर्भरता से मुक्त करना है। घरेलू उत्पाद को बढ़ावा देने के साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सशक्त बनाना है। साथ ही नवाचार, स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के साथ युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसर देना है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पाद वह है जो भारत में बना है, स्वदेशी वह है जिसको बनाने में भारतीयों का श्रम पसीना लगा है। ‘‘हर घर स्वदेशी घर-घर स्वदेशी‘‘ का आह्वान प्रधानमंत्री जी ने किया है। ‘‘हर घर स्वदेशी घर-घर स्वदेशी‘‘ यह एक नारा नहीं आत्मनिर्भर और विकसित भारत की नींव है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी को बढ़ावा देने से देश की परंपरा, सभ्यता और संस्कृति को बढ़ावा मिलता है। स्वदेशी अपनाते हैं तो देश के कारीगरों, किसानों, छोटे व्यापारियों, उद्यमियों को ताकत और सम्मान मिलता है। इसलिए मध्यप्रदेश के सभी लोगों से आह्वान है कि वह स्वदेशी को अपनाकर प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प में अपना सहयोग दें।
प्रधानमंत्री जी की पहल स्वदेशी की विरासत को आगे बढ़ा रही है
प्रदेश महामंत्री ने कहा कि स्वदेशी का आदर्श लोकमान्य तिलक, अरबिंदो और महात्मा गांधी जी जैसे दूरदर्शी नेताओं के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम की एक मार्गदर्शक शक्ति बना था। लेकिन स्वतंत्रता के बाद भारत ने पश्चिमी विकास मॉडल और आयात पर निर्भर मिश्रित अर्थव्यवस्था अपनाई, जिससे स्थानीय उद्योग कमजोर हुए और विदेशी निर्भरता बढ़ी। वर्ष 1964 में दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने स्वदेशी चेतना को पुनर्जीवित किया। उन्होंने बताया कि आर्थिक आत्मनिर्भरता ही सुरक्षा है, भारतीय उद्योग और श्रमिक हमारी ताकत हैं और अंध पश्चिमीकरण से हमें सावधान रहना है। यही प्रेरणा आगे चलकर आत्मनिर्भर भारत के आंदोलन का आधार बनी, जिसे आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया है। आज मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल अवसंरचना और “वोकल फॉर लोकल“ जैसे अभियान इसी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। इन सभी का लक्ष्य है कि हम विदेशी निर्भरता कम करें और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्च में चल रहे आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान को मध्यप्रदेश के भाजपा कार्यकर्ता गांव-गांव, जन-जन तक पहुंचाकर इसे साकार करने में अपनी महती भूमिका निभाएंगे। पार्टी कार्यकर्ता चरणबद्ध तरीके से आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान में लोगों को जागरुक करने के साथ स्वदेशी से जोड़ने के लिए भी कार्य करेंगे। हमारा लक्ष्य है कि हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी का संदेश जन-जन तक पहुंचे।
स्वदेशी अपनाने घर-घर संपर्क करेंगे भाजपा कार्यकर्ता
भाजपा के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान‘ को लेकर भाजपा कार्यकर्ता प्रदेश भर में व्यापक अभियान चलाएंगे। 25 सितंबर से शुरू हुआ यह अभियान 25 दिसंबर तक चलेगा। 1 से 30 नवंबर तक स्वदेशी रील्स प्रतियोगिता ऑनलाईन क्विज प्रतियोगिता, आत्मनिर्भर भारत निबंध प्रतियोगिता, आत्मनिर्भर भारत स्पीच प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। 1 से 25 दिसंबर तक घर-घर संपर्क, 16 से 30 अक्टूबर तक महिला एवं युवा सम्मेलन, 1 से 15 नवंबर तक व्यापारी, लघु उद्योगी एवं प्रोफेशनल्स सम्मेलन व कालेज स्तरीय स्वदेशी संकल्प सेमीनार, 16 से 30 नवंबर तक स्वदेशी मेला, 1 से 25 दिसंबर तक घर-घर संपर्क, आत्मनिर्भर भारत संकल्प रथ और पदयात्रा का आयोजन होगा। मंडल स्तर पर 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच मंडल सम्मेलन, 16 से 30 नवंबर तक महिला एवं युवा सम्मेलन, 1 से 15 दिसंबर तक स्ट्रीट वेंडर, छोटे दुकानदार एवं स्थानीय कारीगर सम्मेलन व संपर्क, 1 से 25 दिसंबर तक घर-घर संपर्क के साथ 25 दिसंबर को अभियान का समापन होगा।
आजादी के बाद पश्चिमी मॉडल अपनाया, स्वदेशी को प्रोत्साहन नहीं दिया गया
भाजपा के प्रदेश महामंत्री रणवीर सिंह रावत ने कहा कि देश की आजादी के बाद की सरकारों ने पश्चिमी मॉडल को अपनाया और स्वदेशी को प्रोत्साहन नहीं दिया। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनने के बाद स्वदेशी को बढ़ावा दिया गया। वर्ष 2014 से पहले हमारी सेनाओं को बुलेट प्रूफ जैकेट तक विदेशों से मंगाई जाती थी। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2014 से पहले भारत का रक्षा निर्यात मात्र 600 करोड़ के करीब था। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज भारत का रक्षा निर्यात 23 हजार करोड़ से अधिक पहुंच चुका है। भारत वर्तमान में प्रति वर्ष 2 लाख करोड़ के मोबाइल निर्यात कर रहा है। मोबाइल निर्माण में भारत विश्व में दूसरे नंबर पर है। आटोमोबाइल, ट्रैक्टर निर्माण में भारत विश्व में प्रथम स्थान पर, बस निर्माण में दूसरा स्थान और ट्रक निर्माण में भारत तीसरे स्थान पर है। रक्षा क्षेत्र में निर्यात 13 गुना बढ़ा है। रक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां भारत ने हासिल की हैं। जीएसटी की कटौती के मूल में भी आत्मनिर्भर भारत का निर्माण है। यह केवल मेक इन इंडिया नहीं, बल्कि मेड बाय इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड का विजन है। स्वदेशी का मतलब ही है कि जिसे बनाने में भारतीयों का पसीना बहा हो। प्रधानमंत्री वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य लेकर कार्य कर रहे हैं। विकसित राष्ट्र के सपने को पूरा करने के लिए भाजपा ने ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान‘ चलाने का निर्णय लिया है। यह अभियान 25 सितंबर से शुरू हो चुका है, जो 25 दिसंबर तक चलेगा।
लघु उद्योगों को बढ़ावा देना, आयात पर निर्भरता से मुक्त बनाना है
रणवीर सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देशभर में भाजपा द्वारा चलाए जा रहे ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान‘ में स्वदेशी और लघु उद्योगों को बढ़ावा देना है। यह अभियान विकसित भारत बनाने की गति को तेज करने के साथ देश को आयात पर निर्भरता से मुक्त करना है। घरेलू उत्पाद को बढ़ावा देने के साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सशक्त बनाना है। साथ ही नवाचार, स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के साथ युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसर देना है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पाद वह है जो भारत में बना है, स्वदेशी वह है जिसको बनाने में भारतीयों का श्रम पसीना लगा है। ‘‘हर घर स्वदेशी घर-घर स्वदेशी‘‘ का आह्वान प्रधानमंत्री जी ने किया है। ‘‘हर घर स्वदेशी घर-घर स्वदेशी‘‘ यह एक नारा नहीं आत्मनिर्भर और विकसित भारत की नींव है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी को बढ़ावा देने से देश की परंपरा, सभ्यता और संस्कृति को बढ़ावा मिलता है। स्वदेशी अपनाते हैं तो देश के कारीगरों, किसानों, छोटे व्यापारियों, उद्यमियों को ताकत और सम्मान मिलता है। इसलिए मध्यप्रदेश के सभी लोगों से आह्वान है कि वह स्वदेशी को अपनाकर प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प में अपना सहयोग दें।
प्रधानमंत्री जी की पहल स्वदेशी की विरासत को आगे बढ़ा रही है
प्रदेश महामंत्री ने कहा कि स्वदेशी का आदर्श लोकमान्य तिलक, अरबिंदो और महात्मा गांधी जी जैसे दूरदर्शी नेताओं के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम की एक मार्गदर्शक शक्ति बना था। लेकिन स्वतंत्रता के बाद भारत ने पश्चिमी विकास मॉडल और आयात पर निर्भर मिश्रित अर्थव्यवस्था अपनाई, जिससे स्थानीय उद्योग कमजोर हुए और विदेशी निर्भरता बढ़ी। वर्ष 1964 में दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने स्वदेशी चेतना को पुनर्जीवित किया। उन्होंने बताया कि आर्थिक आत्मनिर्भरता ही सुरक्षा है, भारतीय उद्योग और श्रमिक हमारी ताकत हैं और अंध पश्चिमीकरण से हमें सावधान रहना है। यही प्रेरणा आगे चलकर आत्मनिर्भर भारत के आंदोलन का आधार बनी, जिसे आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया है। आज मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल अवसंरचना और “वोकल फॉर लोकल“ जैसे अभियान इसी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। इन सभी का लक्ष्य है कि हम विदेशी निर्भरता कम करें और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्च में चल रहे आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान को मध्यप्रदेश के भाजपा कार्यकर्ता गांव-गांव, जन-जन तक पहुंचाकर इसे साकार करने में अपनी महती भूमिका निभाएंगे। पार्टी कार्यकर्ता चरणबद्ध तरीके से आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान में लोगों को जागरुक करने के साथ स्वदेशी से जोड़ने के लिए भी कार्य करेंगे। हमारा लक्ष्य है कि हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी का संदेश जन-जन तक पहुंचे।
स्वदेशी अपनाने घर-घर संपर्क करेंगे भाजपा कार्यकर्ता
भाजपा के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान‘ को लेकर भाजपा कार्यकर्ता प्रदेश भर में व्यापक अभियान चलाएंगे। 25 सितंबर से शुरू हुआ यह अभियान 25 दिसंबर तक चलेगा। 1 से 30 नवंबर तक स्वदेशी रील्स प्रतियोगिता ऑनलाईन क्विज प्रतियोगिता, आत्मनिर्भर भारत निबंध प्रतियोगिता, आत्मनिर्भर भारत स्पीच प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। 1 से 25 दिसंबर तक घर-घर संपर्क, 16 से 30 अक्टूबर तक महिला एवं युवा सम्मेलन, 1 से 15 नवंबर तक व्यापारी, लघु उद्योगी एवं प्रोफेशनल्स सम्मेलन व कालेज स्तरीय स्वदेशी संकल्प सेमीनार, 16 से 30 नवंबर तक स्वदेशी मेला, 1 से 25 दिसंबर तक घर-घर संपर्क, आत्मनिर्भर भारत संकल्प रथ और पदयात्रा का आयोजन होगा। मंडल स्तर पर 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच मंडल सम्मेलन, 16 से 30 नवंबर तक महिला एवं युवा सम्मेलन, 1 से 15 दिसंबर तक स्ट्रीट वेंडर, छोटे दुकानदार एवं स्थानीय कारीगर सम्मेलन व संपर्क, 1 से 25 दिसंबर तक घर-घर संपर्क के साथ 25 दिसंबर को अभियान का समापन होगा।