जल, जंगल, जमीन और संविधान की रक्षा के संकल्प के साथ आदिवासी अधिकार यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
जोबट विधानसभा के डाबड़ी में जिला कांग्रेस कमेटी एवं आदिवासी विकास परिषद द्वारा आयोजित आदिवासी अधिकार यात्रा के तहत एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। यह जनसभा “जल, जंगल, जमीन और संविधान की रक्षा” के संकल्प के साथ आयोजित की गई, जिसमें हजारों की संख्या में आदिवासी भाई-बहनों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, मध्यप्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी संजय दत्त, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया, विधायकगण हनी बघेल, राजन मंडलोई, सेना महेश पटेल, प्रताप ग्रेवाल, अलीराजपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश पटेल, पूर्व जिला अध्यक्ष महेश पटेल, जिला प्रभारी रामवीर सिकरवार तथा धार जिला कांग्रेस अध्यक्ष स्वतंत्र जोशी सहित अनेक वरिष्ठ नेता मंच पर उपस्थित रहे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी जी ने कहा कि –
आदिवासी गौरव दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव जी आ रहे है तो में उनसे पूछना चाहता हूं —
जब इंदिरा गांधी जी ने आदिवासियों की जमीन की रक्षा के लिए कानून बनाया था, तब आज मध्यप्रदेश में वही जमीन गैर-आदिवासियों के हाथों में कैसे चली गई? सरकारी आँकड़े बताते हैं कि पिछले 6 सालों में 1,20,000 एकड़ जमीन आदिवासियों से छीन ली गई है। अलीराजपुर, धार और झाबुआ में ही 10,000 हेक्टेयर जमीन छीनी जा चुकी है, जबकि प्रदेशभर में 1,30,000 हेक्टेयर जमीन योजनाओं के नाम पर आदिवासियों से ली गई।
मोहन यादव जी, आपको बताना पड़ेगा 1,25,000 बैकलॉग पद क्यों खाली हैं?
आदिवासी मद के 1,20,000 करोड़ रुपये कहाँ खर्च कर दिए गए?
यह पैसा आदिवासियों का था, उनके हक का था, उनकी प्रगति का था।
बीजेपी सरकार ने आदिवासियों से उनके अधिकार छीने, वादे तोड़े।
कांग्रेस की सरकार आएगी तो —
किसी भी नेता या व्यापारी द्वारा खरीदी गई आदिवासियों की जमीन वापस आदिवासियों को लौटाई जाएगी,
मक्का ₹2500 से नीचे नहीं बिकेगा, सोयाबीन ₹6000, गेहूँ ₹3100, धान ₹4000 से ऊपर खरीदा जाएगा।
कांग्रेस आदिवासी, गरीब, अनुसूचित जाति-जनजाति के हर अधिकार की आवाज बनेगी और लड़ाई लड़ेगी।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि –
“ भाजपा हमेशा कहती है कि किसानों की आय दुगनी हो गई है।
प्रदेश में जब फसलों की बात होती है तो सोयाबीन, गेहूँ और धान की बात होती है लेकिन मक्का की बात कोई नहीं करता।
मोहन यादव जी और बीजेपी की सरकार ने आज तक यह नहीं कहा है कि हम आदिवासी किसानों की मक्का खरीदेंगे।
भाजपा सरकार किसानों का साथ नहीं दे रही है।
सभा के दौरान आदिवासी अधिकार यात्रा को जिलेभर में व्यापक जनसमर्थन मिला। ग्रामीणों ने कांग्रेस के संकल्प “जल, जंगल, जमीन और संविधान की रक्षा” के समर्थन में भारी उत्साह और एकजुटता दिखाई।
इस अवसर पर कांग्रेस नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनावों में आदिवासी समाज को न्याय, विकास और सम्मान का भरोसा दिलाते हुए भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का संकल्प दोहराया।

