Punjab: दुर्घटनाएं रोकने के लिए पंजाब में सड़क सुरक्षा फोर्स की शुरुआत, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिखाई हरी झंडी
Punjab: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि सड़क हादसों में लोगों की जान बचाने का सपना साकार हुआ. राज्य में सड़क सुरक्षा फोर्स की शुरुआत हो गई है. मुख्यमंत्री मान ने जालंधर के पी.ए.पी. के मैदान से हाई-टैक वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि देश के किसी भी राज्य में पहली सडक सुरक्षा फोर्स लोक सेवा को समर्पित की गई है. मुख्यमंत्री के मुताबिक हर साल करीब 3000 लोगों की जान बचाने के मकसद से इसका गठन किया गया है.
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सडक़ सुरक्षा फोर्स के 129 हाई-टैक वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया.जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के लिए आज यह ऐतिहासिक पल है, क्योंकि लोगों को सुरक्षित रखने के लिए समर्पित फोर्स की शुरुआत करने वाला पंजाब पहला राज्य बन गया है. जिससे लोगों की जान बचाई जा सकेगी.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इस फोर्स के गठन का विचार रातों-रात नहीं आया. उन्होंने कहा कि सांसद के तौर पर उन्होंने लोकसभा में सडक हादसों का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया था. इन हादसों में राज्य में रोजाना 12 मौतें होती थीं और आज की तारीख में 14 के करीब कीमती जानें चली जाती हैं.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इस फोर्स के गठन से पुलिस के जवान अपनी ड्यूटी को और अधिक प्रभावशाली ढंग से निभा सकेंगे. उन्होंने कहा कि जो वाहन इस फोर्स को दिए गए हैं, वे दुनिया भर के सबसे बढिया वाहनों में से एक हैं. भगवंत ने कहा कि एस.एस.एफ. आम व्यक्ति की जान बचाने के लिए अहम भूमिका निभाएगी और अब से एस.एस.एफ. के कामकाज की पड़ताल करने के लिए हर महीने के आंकड़ों से अध्ययन किया जाएगा और हर महीने के बाद आंकड़े लोगों के साथ साझे किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह फोर्स लोगों की कीमती जानें बचाने के लिए 5500 किलोमीटर सड़कों की निगरानी करेगी. सड़कों की कुशलता से निगरानी करने के लिए पहले पड़ाव में 144 अति-आधुनिक वाहन दिए गए हैं. इन वाहनों में 116 टोयोटा हिलक्स और 28 महेन्द्रा स्कॉर्पियो शामिल हैं. यह वाहन हर 30 किलोमीटर के फासले के साथ तैनात किए जाएंगे. इन वाहनों में चार पुलिस कर्मचारियों की टीम होगी. जिसका नेतृत्व पैट्रोलिंग इंचार्ज के तौर पर ए.एस.आई.या उससे उच्च रैंक का अधिकारी करेगा.
इसके अलावा हर जिले में रोड इंटरसेप्टर तैनात किए जाएंगे, जिनकी निगरानी तीन पुलिस कर्मचारी करेंगे. एस.एस.एफ. के पहले पड़ाव में 1296 नए भर्ती पुलिस कर्मचारियों और मौजूदा 432 कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा. यह टीमें आठ घंटे की शिफ्ट के मुताबिक 24 घंटे तैनात रहेंगी, जिस सम्बन्धी उनको पुलिस प्रशिक्षण अकेडमी, कपूरथला में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है.
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए यह वाहन स्पीड गन, अल्कोमीटर, ई-चालान मशीनें और ए.आई. आधारित स्मार्ट प्रणाली जैसे अति-आधुनिक उपकरणों से लैस हैं. उनके पास कमांड एंड कंट्रोल सैंटर के साथ-साथ रीयल-टाईम सी.सी.टी.वी. कैमरों वाली रिक्वरी वैन भी होगी. इसके साथ ही सड़क हादसों की जांच और तकनीकी काम संभालने के लिए मैकेनिकल इंजीनियर, सिविल इंजीनियर और आई.टी. माहिर भी होंगे.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंसों के लिए भी प्वाइंट्स की व्यवस्था की जाएगी, जिससे आने वाले समय में बार-बार उल्लंघन करने वालों को उनके ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करके सजा दी जा सके. उन्होंने कहा कि यह समय की जरूरत है कि लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करने के साथ-साथ वाहनों के यातायात को सुचारू बनाया जाए. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह बहुत ही गर्व और संतुष्टि की बात है कि बड़ी संख्या में लड़कियां पुलिस फोर्स में शामिल हो रही हैं और एस.एस.एफ. के वाहनों के 90 चालक भी लड़कियां हैं.
उन्होंने कहा कि पंजाब में पिछले कुछ दशकों के दौरान यातायात के ढांचे में बड़ा विस्तार हुआ है. भगवंत सिंह मान ने चिंता जाहिर की है कि सड़क हादसों में 65 फीसदी मौत राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर घटती हैं. उन्होंने कहा कि इनमें से ज़्यादातर हादसे शाम 6:00 बजे से रात 12:00 बजे के दरम्यान घटते हैं. इस वक्त यहां फोर्स की मौजूदगी कम होती है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को रोकने के लिए 129 पैट्रोलिंग वाहन इन रूटों पर तैनात किए जाएंगे और वाहन हरेक 30 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगा.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अपनी किस्म की पहली विशेष फोर्स पंजाब में रोजाना के सड़क हादसों में लोगों की कीमती जान को बचाने के लिए सहायक होगी. उन्होंने बताया कि इन वाहनों में किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को इमरजेंसी इलाज मुहैया करवाने के लिए पूरी मेडिकल किट भी होगी. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि लोगों को समय पर अपेक्षित डॉक्टरी सहायता मिलने को सुनिश्चित बनाने के लिए फोर्स को ट्रॉमा सैंटरों के साथ जोड़ा जाएगा.