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उत्तराखंड के जोशीमठ को लेकर राहतभरी खबर! तीन दिन से इमारतों में नहीं बढ़ीं दरारें

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उत्तराखंड के जोशीमठ को लेकर राहतभरी खबर! तीन दिन से इमारतों में नहीं बढ़ीं दरारें

जोशीमठ को लेकर एक राहतभरी खबर है. यहां पिछले तीन दिन से इमारतों की दरारें नहीं बढ़ी हैं. सरकार ने यहां जगह-जगह क्रैक मीटर लगाए हैं, जिसे देखने के बाद सामने आया है कि इमारतों में दरारों की चौड़ाई में कोई वृद्धि नहीं हुई है.

इसके साथ ही चमोली जिला प्रशासन ने गुरुवार को जोशीमठ में एक और असुरक्षित बिल्डिंग को गिराने के आदेश जारी किए हैं. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जोशीमठ में राहत कार्यों को लेकर मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव वित्त, शहरी विकास, सचिव आपदा प्रबंधन के साथ बैठक की और जरूरी निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ बैठक के बाद सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत की. उन्होंने जोशीमठ में हो रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी. सिन्हा ने बताया कि इमारतों में दरारें मापने के लिए CBRI द्वारा क्रेक मीटर स्थापित किए गए हैं. पिछले तीन दिनों में दरारों की चौड़ाई में कोई वृद्धि नहीं हुई है. यह एक सकारात्मक संकेत है. डॉ. सिन्हा ने बताया कि आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों को लेकर मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव वित्त, शहरी विकास, सचिव आपदा प्रबंधन के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री को विभिन्न केंद्रीय सरकार द्वारा किए गए कार्यों की स्थिति के बारे में बताया गया.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन का कार्य पूरी मुस्तैदी से किया जाए. जोशीमठ में आपदा प्रबंधन के कार्यों में धन की कमी नहीं आने दी जायेगी. बैठक में नगर विकास विभाग को प्रत्येक जिले में प्रभावी नगरीय नगर नियोजन तैयार करने के निर्देश दिये गये. पहाड़ी कस्बों में जल निकासी और सीवर व्यवस्था की प्रभावी व्यवस्था के भी निर्देश दिए हैं.

डॉ. सिन्हा ने बताया कि चमोली जिला प्रशासन जोशीमठ में सर्वे का काम तेजी से कर रहा है. जिला प्रशासन भी विस्थापितों से विचार-विमर्श कर रहा है. वर्तमान में जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज 150 LPM है. अस्थायी रूप से चिह्नित राहत शिविरों में जोशीमठ में 2190 लोगों की क्षमता वाले कुल 615 कमरे और पीपलकोटी में 2205 लोगों की क्षमता वाले 491 कमरे हैं. अब तक 849 इमारतों में दरारें देखी जा चुकी हैं. सर्वे का काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि गांधीनगर में 1, सिंहधार में 2, मनोहरबाग में 5, सुनील में 7 क्षेत्र/वार्ड को असुरक्षित घोषित किया गया है.

181 बिल्डिंग को असुरक्षित एरिया बताया गया है. सुरक्षा के मद्देनजर 259 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है. विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 867 है. बताते चलें कि चमोली जिला प्रशासन ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित जोशीमठ में एक और असुरक्षित इमारत को गिराने के आदेश जारी किए और प्रभावित लोगों से उनके पुनर्वास के लिए सुझाव मांगे हैं. जोशीमठ नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर सात में वैज्ञानिक तरीके से तोड़ा जाने वाला असुरक्षित घर है. हाल ही में हुए एक सर्वे के बाद विशेषज्ञों ने इसे असुरक्षित बताया था.

अधिकारी ने कहा कि इसे तोड़ने का आदेश जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मकान मालिक दिनेश लाल की लिखित सहमति के बाद जारी किया. खुराना ने बुधवार को कस्बे में दो असुरक्षित रिहायशी मकानों और पीडब्ल्यूडी के डाक बंगले को गिराने का आदेश दिया था. डीएम पुनर्वास योजना तैयार करने के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रभावित लोगों से उनके स्थायी पुनर्वास पर सुझाव मांगे हैं.