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सांसद दानिश अली ने बसपा से अपने निलंबन के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण दिया करार

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सांसद दानिश अली ने बसपा से अपने निलंबन के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण दिया करार

New Delhi: बसपा ने अपने लोकसभा सांसद दानिश अली को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया। बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने इसकी जानकारी दी।

लोकसभा सांसद दानिश अली उत्तर प्रदेश की अमरोहा सीट से बसपा के सांसद हैं। अली ने बसपा प्रमुख मायावती के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी विरोधी कोई गतिविधि नहीं की तथा वह अपने सिद्धांत और विचारधारा से समझौता नहीं करेंगे। उनका यह भी कहना है कि अगर भाजपा की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाना जुर्म है तो वह कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हैं।

बसपा द्वारा लोकसभा सांसद दानिश अली के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से एक दिन पहले वह तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा सदस्यता निष्कासित किए जाने के समय विपक्षी सदस्यों के साथ सदन से वाकआउट कर गए थे। सतीश मिश्र ने सांसद पत्र लिख कर उन्हें निलंबन की जानकारी दी, जिसकी एक प्रति मीडिया को भी जारी की गयी। पत्र में कहा गया है, ''आपको अनेकों बार मौखिक रूप से कहा गया कि आप पार्टी की नीतियों, विचारधारा एवं अनुशासन के विरूद्ध जाकर कोई भी बयानबाजी या कृत्य आदि नहीं करें, परंतु इसके बाद भी आप लगातार पार्टी के खिलाफ जाकर कृत्य करते आ रहे हैं।''

इसमें कहा गया है, ''आपको यह भी अवगत कराना उचित होगा कि कर्नाटक में 2018 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और जनता दल (एस) के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा गया था, और आप इस गठबंधन में श्री देवगौड़ा जी की पार्टी की तरफ से काफी सक्रिय रहे थे। मिश्र ने पत्र में कहा, ''कर्नाटक के उक्त चुनाव के नतीजों के आने के बाद श्री देवगौड़ा जी के अनुरोध पर आपको अमरोहा से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में टिकट दिया गया, टिकट दिए जाने के पूर्व श्री देवगौड़ा जी ने यह आश्वासन दिया था कि आप बहुजन समाज पार्टी का टिकट मिलने के उपरान्त पार्टी की सभी नीतियों एवं निर्देशों का सदैव पालन करेंगे तथा पार्टी हित में काम करेंगे।''

निलंबन के बाद लोकसभा सांसद दानिश अली ने कहा, ''मैं बहन मायावती जी का हमेशा शुक्रगुज़ार रहूंगा की उन्होंने मुझे का टिकट दे कर लोक सभा का सदस्य बनने में मदद की। बहन जी ने मुझे बसपा संसदीय दल का नेता भी बनाया। मुझे सदैव उनका असीम स्नेह और समर्थन मिला। उनका आज का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।'' उनका कहना था, ''मैंने अपनी पूरी मेहनत और लगन से बसपा को मजबूत करने का प्रयास किया है और कभी भी किसी प्रकार का पार्टी विरोधी काम नहीं किया है। इस बात की गवाह मेरे अमरोहा क्षेत्र की जनता है।''

अली ने कहा, ''मैंने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध जरूर किया है और करता रहूंगा। चंद पूंजीपतियों द्वारा जनता कि संपत्तियों की लूट के खिलाफ भी मैंने आवाज उठायी है और उठाता रहूंगा। क्योंकि यही सच्ची जन सेवा है। यदि ऐसा करना जुर्म है तो मैंने ये जुर्म किया है, और में इसकी सजा भुगतने को तैयार हूं।'' उन्होंने ने कहा, '' मैं अमरोहा की जानता को आश्वस्त करना चाहता हूं की आप की सेवा में हमेशा हाजिर रहूंगा।''

मोइत्रा मामले में लोकसभा से वॉकआउट करने को लेकर उन्होंने कहा, ''महुआ मोइत्रा के मामले मैं अपनी जिम्मेदारी समझता हूं कि जब एक महिला सांसद के खिलाफ अन्याय हो रहा है तो उस महिला के साथ खड़ा हुआ हूं। महिला की अस्मिता का कहीं कोई खिलवाड़ होगा तो वहां दानिश अली अन्याय के खिलाफ खड़ा रहेगा।'' अपने अगले राजनीतिक कदम के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्होंने कुछ स्पष्ट नहीं किया। बसपा सांसद अली अभी हाल ही में तब चर्चा में आए थे, जब भाजपा के सांसद रमेश बिधूड़ी ने 21 सितंबर को लोकसभा में उनके खिलाफ कथित आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था।

बिधूड़ी ने 'चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों के विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा सांसद दानिश अली के खिलाफ कुछ ऐसी टिप्पणी की थी जिस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया था। दानिश अली ने कहा था कि भाजपा सदस्य को अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए। इस घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी बसपा सांसद दानिश अली से मिले थे।