Bharat tv live

नोएडा मे हिंदू जनजागृति समिति द्वारा वैलेंटाइन डे पर होने वाले अनाचार रोकने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट ऑफिस में ज्ञापन दिया गया!

 | 
 नोएडा मे हिंदू जनजागृति समिति द्वारा वैलेंटाइन डे पर होने वाले अनाचार रोकने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट ऑफिस में ज्ञापन दिया गया!

संवाददाता - चंद्रपाल प्रजापति, नोएडा 

नोएडा:  नोएडा में हिंदू जनजागृति समिति द्वारा वैलेंटाइन डे पर होने वाले प्रेम का वीभत्स प्रस्तुतीकरण, एकतरफा प्रेमवश लड़कियों से छेड़छाड़ तथा पार्टियों में युवक युवतियों द्वारा मद्यपान और धूम्रपान,अमली पदार्थ के सेवन, इतना ही नहीं इस दिन गर्भनिरोधक साधनों की भारी मात्रा में बिक्री बढ़ने से अनैतिक संबंधों में वृद्धि आदि अनाचारों को रोकने से लिए सिटी मजिस्ट्रेट ऑफिस में शलभ राठी (बचत अधिकारी) को इस संबंध में ज्ञापन दिया गया।

गत कुछ वर्षों में 14 फरवरी 'वैलेंटाइन डे' के रूप में मनाए जाने की पाश्चात्यों की कुप्रथा भारत में भी प्रचलित हो गई है। पाश्चात्त्यों द्वारा व्यावसायिक लाभ के लिए प्रेम के नाम पर प्रस्तुत इस विकृत संकल्पना के कारण युवा पीढ़ी भोगवाद और अनैतिकता के गर्त में गिरती जा रही है। वैलेंटाइन डे' की पार्श्वभूमि पर प्रेम का वीभत्स प्रस्तुतिकरण करने के नाम पर आजकल एक तरफा प्रेमवश लड़कियों से छेडछाड और अनेक हिंसक घटनाएं हो रही हैं। इसके साथ ही होने वाली 'पार्टियों में युवक-युवतियों में मद्यपान, धूम्रपान, अमली पदार्थ के सेवन आदि अनाचारों में प्रचंड वृद्धि हुई है।

इतना ही नहीं, अपितु इस दिन गर्भनिरोधक साधनों की भारी मात्रा में बिक्री अनैतिक संबंधों में वृद्धि दर्शाती है। इस दिन लड़कियों को प्रभावित करने के लिए अति वेग से वाहन चलाने से अपघात भी होते हैं। लडकियों को झूठे नाम बताकर उन्हें धोखा देने वाले, उन्हें 'लव जिहाद' का शिकार बनाते हैं। 

संक्षेप में वैलेंटाइन डे' के कारण विद्यालय-महाविद्यालय के परिसर में कानून और सुव्यवस्था,इसके साथ ही शैक्षिक वातावरण बिगाड़ने वाली स्वैराचारी और भोगवादी वृत्ति दिनों दिन बढ़ती जा रही है। आज की स्थिति में भारत में हर 16 मिनट में एक बलात्कार हो रहा है, महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के भयावह आंकडे इस संदर्भ में प्रतिबंधात्मक उपायों की नितांत आवश्यकता दर्शाती है । 

इन अनाचारों पर रोक लगाने के लिए विविध आध्यात्मिक एवं समाजसेवी संगठन इस 'डे संस्कृति का विरोध करते हुए भारतीय प्रथाओं का पालन करने के लिए आवाहन कर रहे हैं। एक ओर विदेशों में भारतीय संस्कृति का महत्त्व ध्यान में लेते हुए उस अनुसार आचरण करने वालों में वृद्धि होते हुए भारतीय युवा पीढी को जानबूझकर पश्चिमी कुप्रथाओं में पूर्णतः उलझाने का षड्यंत्र भी जोर-शोर से शुरू है। । भारतीय समाजव्यवस्था उत्तम रहे एवं अनैतिक कृत्यों के कारण होने वाले गैर प्रकारों पर रोक लगे, इस हेतु युवा पीढ़ी का प्रबोधन करने की नितांत आवश्यकता है ।