योगी के विजन से प्रेरित होकर अब महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश भी अपनाएंगे 'मिशन 2047'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत @2047’ संकल्प को गति देने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे निकल चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस दूरदर्शी सोच के साथ ‘विकसित यूपी @2047’ का बिगुल बजाया था, आज वही मॉडल देश के अन्य राज्यों को प्रेरणा का स्रोत बना रहा है। अब उत्तर प्रदेश की राह पर चलते हुए महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की भाजपा सरकारों ने भी मिशन 2047 को अपने राज्यों में लागू करने की घोषणा कर दी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने योगी आदित्यनाथ से प्रेरणा लेते हुए अधिकारियों को तुरंत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। यह साफ संकेत है कि राष्ट्रीय राजनीति में 'विजन 2047' का फॉर्मूला और एजेंडा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में योगी आदित्यनाथ की यूपी सरकार तय कर रही है।
राजनीतिक विश्लेषक मान के चल रहे कि जिस तरह योगी सरकार के अभियान पर आम लोगों की भागीदारी हो रही है, उसका भविष्य में बड़ा पॉलिटिकल इंपैक्ट नजर आएगा।
यूपी का विजन फार्मूला दूसरे राज्यों के लिए बना नजीर
उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने न सिर्फ 24 घंटे का विशेष विधानसभा सत्र बुलाकर पक्ष और विपक्ष को 'विजन 2047' में भागीदार बनाया, बल्कि जनता को भी सीधे जोड़ने के लिए डिजिटल और ग्राउंड-लेवल दोनों प्लेटफॉर्म तैयार किए। योगी सरकार की इस अनूठी पहल ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। आज महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य अगर योगी मॉडल को अपना रहे हैं, तो यह इस बात का प्रमाण है कि यूपी ने विजन 2047 की दिशा में लीडरशिप रोल अदा किया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में गुजरात, असम, उत्तराखंड, उड़ीसा जैसे राज्य भी इसी राह पर चलेंगे।
जनता के बीच उतरा ‘विकसित यूपी’
योगी सरकार ने 400 से अधिक बुद्धिजीवियों, पूर्व प्रोफेसरों और अधिकारियों की एक टीम बनाकर गांव-गांव जनता से संवाद की शुरुआत की। इसका नतीजा है कि अब तक 1 लाख से अधिक सुझाव सरकार तक पहुंचे हैं, जिनमें सबसे बड़ी भागीदारी ग्रामीण जनता की है। क्यूआर कोड और पोर्टल जैसी डिजिटल व्यवस्था ने यह साबित कर दिया है कि यह अभियान केवल सरकारी योजना नहीं बल्कि जनभागीदारी से चल रहा जनांदोलन है।
तीन थीम, बारह सेक्टर - भविष्य का खाका
योगी आदित्यनाथ का यह अभियान ‘अर्थ शक्ति’, ‘सृजन शक्ति’ और ‘जीवन शक्ति’ पर केंद्रित है। इन तीन थीम्स के तहत 12 सेक्टर तय किए गए हैं। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य और कृषि से लेकर रोजगार तक, हर क्षेत्र में 2047 का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। अब तक 75 में से 65 जनपदों में यह अभियान पहुंच चुका है।
PM मोदी के विजन पर CM योगी के फॉर्मूले का दबदबा
मिशन 2047 को लेकर जिस गंभीरता और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन उत्तर प्रदेश ने किया है, उसने योगी आदित्यनाथ को इस विजन का फ्रंट-फेस बना दिया है। मोदी के संकल्प को जन-जन तक पहुंचाने की जो पहल यूपी ने की, वही अब राष्ट्रीय एजेंडा तय कर रही है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का योगी मॉडल को अपनाना इस बात का साफ संदेश है कि भविष्य का भारत, मोदी-योगी के विजन के ब्लूप्रिंट पर ही खड़ा होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत @2047’ संकल्प को गति देने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे निकल चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस दूरदर्शी सोच के साथ ‘विकसित यूपी @2047’ का बिगुल बजाया था, आज वही मॉडल देश के अन्य राज्यों को प्रेरणा का स्रोत बना रहा है। अब उत्तर प्रदेश की राह पर चलते हुए महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की भाजपा सरकारों ने भी मिशन 2047 को अपने राज्यों में लागू करने की घोषणा कर दी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने योगी आदित्यनाथ से प्रेरणा लेते हुए अधिकारियों को तुरंत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। यह साफ संकेत है कि राष्ट्रीय राजनीति में 'विजन 2047' का फॉर्मूला और एजेंडा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में योगी आदित्यनाथ की यूपी सरकार तय कर रही है।
राजनीतिक विश्लेषक मान के चल रहे कि जिस तरह योगी सरकार के अभियान पर आम लोगों की भागीदारी हो रही है, उसका भविष्य में बड़ा पॉलिटिकल इंपैक्ट नजर आएगा।
यूपी का विजन फार्मूला दूसरे राज्यों के लिए बना नजीर
उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने न सिर्फ 24 घंटे का विशेष विधानसभा सत्र बुलाकर पक्ष और विपक्ष को 'विजन 2047' में भागीदार बनाया, बल्कि जनता को भी सीधे जोड़ने के लिए डिजिटल और ग्राउंड-लेवल दोनों प्लेटफॉर्म तैयार किए। योगी सरकार की इस अनूठी पहल ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। आज महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य अगर योगी मॉडल को अपना रहे हैं, तो यह इस बात का प्रमाण है कि यूपी ने विजन 2047 की दिशा में लीडरशिप रोल अदा किया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में गुजरात, असम, उत्तराखंड, उड़ीसा जैसे राज्य भी इसी राह पर चलेंगे।
जनता के बीच उतरा ‘विकसित यूपी’
योगी सरकार ने 400 से अधिक बुद्धिजीवियों, पूर्व प्रोफेसरों और अधिकारियों की एक टीम बनाकर गांव-गांव जनता से संवाद की शुरुआत की। इसका नतीजा है कि अब तक 1 लाख से अधिक सुझाव सरकार तक पहुंचे हैं, जिनमें सबसे बड़ी भागीदारी ग्रामीण जनता की है। क्यूआर कोड और पोर्टल जैसी डिजिटल व्यवस्था ने यह साबित कर दिया है कि यह अभियान केवल सरकारी योजना नहीं बल्कि जनभागीदारी से चल रहा जनांदोलन है।
तीन थीम, बारह सेक्टर - भविष्य का खाका
योगी आदित्यनाथ का यह अभियान ‘अर्थ शक्ति’, ‘सृजन शक्ति’ और ‘जीवन शक्ति’ पर केंद्रित है। इन तीन थीम्स के तहत 12 सेक्टर तय किए गए हैं। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य और कृषि से लेकर रोजगार तक, हर क्षेत्र में 2047 का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। अब तक 75 में से 65 जनपदों में यह अभियान पहुंच चुका है।
PM मोदी के विजन पर CM योगी के फॉर्मूले का दबदबा
मिशन 2047 को लेकर जिस गंभीरता और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन उत्तर प्रदेश ने किया है, उसने योगी आदित्यनाथ को इस विजन का फ्रंट-फेस बना दिया है। मोदी के संकल्प को जन-जन तक पहुंचाने की जो पहल यूपी ने की, वही अब राष्ट्रीय एजेंडा तय कर रही है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का योगी मॉडल को अपनाना इस बात का साफ संदेश है कि भविष्य का भारत, मोदी-योगी के विजन के ब्लूप्रिंट पर ही खड़ा होगा।