UP News: हर हाथ को काम, हर हुनर को सम्मान' अब सिर्फ नारा नहीं जमीन पर एक योजना

संवाददाता : अमित कुमार गुप्ता
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के युवाओं को देश-विदेश में रोजगार के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है। कैबिनेट बैठक में 'उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन' के गठन को हरी झंडी दे दी गई। इस मिशन के जरिए राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र में एक लाख युवाओं को रोजगार मुहैया कराने और 25 से 30 हजार युवाओं को विदेश में रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है। कैबिनेट बैठक के बाद श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि अभी तक राज्य को विदेश में नौकरी दिलाने के लिए बाहरी एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब इस मिशन के तहत सरकार खुद रिक्रूटिंग एजेंट (आरए) का लाइसेंस लेगी, जिससे विदेश भेजने की प्रक्रिया पूरी तरह राज्य सरकार के नियंत्रण में होगी। अब सरकार खुद विदेश में नौकरी मुहैया कराएगी।
मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि उत्तर प्रदेश में नर्सिंग, पैरामेडिकल, ड्राइविंग, घरेलू कामकाज और कुशल श्रम के क्षेत्र में युवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है। रोजगार मिशन राज्य सरकार को इन क्षेत्रों में सीधे नियोजन करने का अधिकार देगा। अब किसी तीसरी एजेंसी के जरिए नहीं बल्कि सरकार खुद युवाओं को विदेशों में काम देगी।
देश-विदेश में रोजगार की मांग का सर्वे कराया जाएगा।
कंपनियों से सीधे संपर्क किया जाएगा।
स्किल गैप की पहचान कर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
भाषा और प्रस्थान-पूर्व प्रशिक्षण दिया जाएगा।
करियर काउंसलिंग और कैंपस प्लेसमेंट की सुविधा दी जाएगी।
नियुक्ति के बाद सहायता और निगरानी भी की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि यह मिशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस सोच को आगे बढ़ाएगा जिसमें हर युवा को हुनर के आधार पर काम देने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि 'हर हाथ को काम, हर हुनर को सम्मान' अब सिर्फ नारा नहीं रह गया है, यह जमीन पर एक योजना है।
कैबिनेट बैठक में महिला श्रमिकों के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया। अब महिलाएं भी कुछ शर्तों के साथ 29 खतरनाक श्रेणी की फैक्ट्रियों में काम कर सकेंगी, जहां पहले उनके काम करने पर रोक थी। श्रम मंत्री ने बताया कि 12 श्रेणियों में उन्हें पहले ही अनुमति मिल चुकी है और हाल ही में 4 श्रेणियों में, अब यह सीमा सभी 29 पर लागू होगी। मंत्री राजभर ने कहा, अब समय आ गया है कि हमारी बहनें भी उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दौड़ में भागीदार बनें।
कैबिनेट बैठक में एक और बड़ा फैसला लेते हुए योगी सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले नए ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे को मंजूरी दे दी है। 49.96 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले इस एक्सप्रेसवे को भविष्य में आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इसका निर्माण ईपीसी मॉडल पर किया जाएगा, जिस पर राज्य सरकार करीब ₹4775 करोड़ खर्च करेगी।
लखनऊ, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर जैसे शहरों के बीच यात्रा तेज होगी
राजधानी लखनऊ में यातायात का दबाव कम होगा
लॉजिस्टिक्स और उद्योगों को बड़ा लाभ मिलेगा
यूपी के एक्सप्रेसवे नेटवर्क को नया विस्तार मिलेगा