Rajasthan BJP Candidate List 2023: राजस्थान में भाजपा की दूसरी सूची से कलह हुई दोगुनी, आगजनी व पत्थरबाजी
Rajasthan: राजस्थान चुनाव 2023 में भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की 2 सूची जारी कर दी है। पहली में 41 और दूसरी में 83 टिकट। टिकटों की संख्या दोगुनी होने के साथ राजस्थान में भाजपा नेताओं के समर्थकों का विरोध भी दोगुना हो गया।
राजस्थान भाजपा में टिकट नहीं मिलने के विरोध में 13 सीटों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा था, जो रविवार को दूसरी सूची जारी होने के बाद 20 सीटों तक पहुंच गया। नाराज समर्थकों ने तोड़फोड़, आगजनी व पत्थरबाजी तक कर डाली। सबसे ज्यादा विरोध चित्तौड़गढ़ और राजसमंद में हो रहा है।
भाजपा की टिकटों की वजह से चित्तौड़गढ़ व राजसमंद के अलावा, जालोर, भीलवाड़ा, मकराना, नीमकाथाना, थानागाजी व नमाना बूंदी में भी विरोध देखने को मिल रहा है। चित्तौड़गढ़ में तो भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के घर पत्थर फेंके गए। उनका पुतला भी फूंका गया है।
बात अगर राजसमंद की करें तो यहां से भाजपा ने दीप्ति माहेश्वरी, नाथद्वारा से विश्वराज सिंह मेवाड़ और कुंभलगढ़ से सुरेंद्र सिंह राठौड़ को टिकट दिया है। इसके विरोध में 400 से ज्यादा कार्यकर्ता स्थानीय भाजपा कार्यालय पहुंचे और जिलाध्यक्ष मानसिंह बारहठ को इस्तीफे सौंप दिए।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने दीप्ति माहेश्वरी की जगह स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग करते हुए भाजपा कार्यालय में ही तोड़फोड़ कर डाली। सीसीटीवी कैमरों के तार तोड़ दिए और सोफे, कुर्सियां, फर्नीचर व प्रचार सामग्री को आग लगा दी।
चित्तौड़गढ़ में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से अनबन की वजह से भाजपा ने विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काटकर नरपत सिंह राजवी को उम्मीदवार घोषित किया तो चंद्रभान के समर्थकों ने पैदल रैली निकाली। इसी दौरान एक युवक ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के घर पत्थर फेंक दिया।
बता दें कि नरपत सिंह राजवी पूर्व उपराष्ट्रपति व राजस्थान के सीएम रहे दिग्गज भाजपा नेता भैरोंसिंह शेखावत के दामाद हैं। विद्याधर नगर से तीन बार के विधायक राजवी का टिकट काटकर भाजपा ने पहली सूची में यहां से राजसमंद सांसद दीया कुमारी को मैदान उतार दिया। अब दूसरी सूची में नरपत सिंह राजवी को चित्तौड़गढ़ से टिकट मिला तो विरोध शुरू हो गया।
इधर, राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि टिकट वितरण के बाद विरोध स्वाभाविक है। राजस्थान चुनाव 2023 में टिकट देने का फैसला सामूहिक रूप से लिया गया है। भाजपा राजस्थान की सत्ता में आ रही है। पार्टी परिवार से जुड़े लोगों की अपेक्षाएं टिकट की है। उम्मीद है कि चुनाव से पहले ये सब मान जाएंगे।