अमरनाथ यात्रा में खलल डालने के लिए लगभग 20 आतंकियों को पाकिस्तान सीमा पार कराने में सफल रहा, बढ़ी प्राशासनिक अधिकारियों की चिंता

कश्मीर में बढ़ी हिंसा की घटनाओं के कारण प्राशासनिक अधिकारियों में भारी चिंता है अधिकारी अमरनाथ यात्रा के सकुशल आयोजन को लेकर भारी तनाव में हैं सुरक्षा बलों के मुताबिक 20 आतंकी अमरनाथ यात्रा में खलल डालने के लिए घाटी में पहुंच चुके हैं
पिछले चार महीनों से कश्मीर में बढ़ी हिंसा की घटनाओं के कारण प्राशासनिक अधिकारियों में अमरनाथ यात्रा को लेकर गंभीर चिता है।
यह चिंता इसलिए भी है क्योंकि सीमा पार से कथित संदेश मिल रहे हैं कि पाकिस्तान इस बार भी अमरनाथ यात्रा में जबरदस्त खलल डालने के लिए लगभग 20 आतंकियों को सीमा पार कराने में सफल रहा है।
8 जुलाई 2016 को अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में हिजबुल आतंकी और घाटी में आतंक के पोस्टर ब्वॉय बने बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर में हालात काफी बिगड़ गए थे।
बढ़ती आतंकी घटनाओं और पथराव के कारण अमरनाथ श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम हो गई थी। साल 2016 में अमरनाथ श्रद्धालुओं की संख्या 2.20 लाख हो गई थी, जबकि साल 2017 में यह संख्या बढ़कर 2.60 लाख तक पहुंच गई थी।
लेकिन चिंता का कारण कुछ माह में कश्मीर में आतंकी घटनाओं में होने वाली वृद्धि है। मौजूदा समय में पथराव की घटनाएं भी देखने को मिल रही हैं। इस कारण प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र यात्रा को लेकर चिंतित है।
हालांकि यात्रा शुरू होने में अभी भी दो महीने का समय शेष है। प्रशासन की कोशिश यात्रा से पहले हालात को सामान्य बनाना है। फिर भी यात्रा को लेकर देश-विदेश के श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है।
साल 2010 में भी कश्मीर में हालात खराब हुए थे। साल 2008 में भी जम्मू में अमरनाथ भूमि विवाद आंदोलन हुआ था। उस दौरान श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई थी।
आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पिछले 4 महीने के भीतर दर्जनों आतंकी हमले हो चुके हैं। कई लोगों को मौत के घाट भी उतारा जा चुका है तथा दर्जनों हथगोलों से भी हमले हो चुके हैं। पत्थरबाज एकबार फिर से कश्मीर में सिर उठाने लगे हैं।