Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, NEET मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा जारी
Budget Session 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज, 22 जुलाई को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश कर दिया है, इसके साथ एक सांख्यिकीय परिशिष्ट भी है। यह केंद्रीय बजट पेश होने से एक दिन पहले हुआ। 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश होना है।
वित्त वर्ष 2025 में रियल जीडीपी 6.5 से 7 फीसदी रहने का अनुमान है। संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है और सरकार की कार्य आवश्यकताओं के आधार पर इसके 12 अगस्त तक चलने की उम्मीद है। सत्र में 22 दिनों में 16 बैठकें होंगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जयंत चौधरी, पंकज चौधरी, कीर्तिवर्धन सिंह और सुकांत मजूमदार आज लोकसभा में दस्तावेज पेश किया। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल राजघाट समाधि समिति (आरएससी) के चुनाव के लिए प्रस्ताव पेश किया।
लोक सभा की कार्यसूची में कहा गया है कि, "राजघाट समाधि अधिनियम, 1951 (1951 का 41) की धारा 4 की उपधारा (4) के साथ पठित धारा 4 की उपधारा (1) के खंड (घ) के अनुसरण में, यह सदन, सभापति के निर्देशानुसार, सदन के सदस्यों में से एक सदस्य को राजघाट समाधि समिति का सदस्य निर्वाचित करने की कार्यवाही करेगा।"
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया लोकसभा में केंद्रीय भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक सलाहकार समिति के लिए 2 सदस्यों के चुनाव के लिए प्रस्ताव पेश करेंगे। प्रस्ताव में कहा गया है, "भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (रोजगार एवं सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996 की धारा 3(2)(बी) के अनुपालन में, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (रोजगार एवं सेवा शर्तों का विनियमन) केंद्रीय नियम, 1998 के नियम 11(2) के साथ, इस सदन के सदस्य, अध्यक्ष के निर्देशानुसार, अपने में से दो सदस्यों को केंद्रीय भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में चुनने के लिए आगे बढ़ते हैं।"
सत्र मुख्य रूप से 2024-25 के केंद्रीय बजट से संबंधित वित्तीय मामलों पर केंद्रित होगा। यह बजट 23 जुलाई को लोकसभा में पेश किया जाएगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पुष्टि की कि इस सत्र में वित्तीय कामकाज पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। 23 जुलाई को 2024 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का बजट पेश किया जाएगा।
इस सत्र के दौरान नियम 377 के अंतर्गत मामलों पर लोक सभा में चर्चा होनी है। इस संसदीय सत्र में भारत भर के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करने वाली महत्वपूर्ण चर्चाएं और निर्णय होने की संभावना है। वित्तीय नियोजन और शासन के लिए महत्वपूर्ण विधायी प्रस्तावों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।