Data Protection Bill 2023: लोकसभा में पेश हुआ डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, विपक्षी दलों ने उठाये सवाल
Data Protection Bill: गुरुवार को लोकसभा में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 पेश किया। बता दें कि यह बिल सरकार द्वारा पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (PDP) बिल वापस लेने के ठीक एक साल बाद पेश किया गया है।
व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा के लिए रूपरेखा तैयार करने का सरकार का दूसरा प्रयास है। एक अगस्त को आईटी और कम्युनिकेशन पर संसदीय स्थायी समिति ने DPDP बिल का समर्थन करते हुए एक रिपोर्ट पेश की थी। डीपीडीपी विधेयक (DPDP Bill) को या तो संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया जा सकता है और फिर इसे कानून का रूप दिया जा सकता है। मतदान से पहले विधेयक का संसदीय समिति द्वारा आगे अध्ययन किया जा सकता है।
डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सरकार इस बिल के जरिए सरकार कानून और निजता के अधिकार को कुचलने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस बिल को स्थायी समिति या किसी अन्य मंच पर चर्चा के लिए भेजा जाना चाहिए। इस बिल का एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी समेत तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी विरोध किया।
इस विधेयक का उद्देश्य इंटरनेट कंपनियों, मोबाइल ऐप और व्यावसायिक घरानों आदि को गोपनीयता के अधिकार के तहत नागरिकों के डेटा को इकट्ठा करने, उनका भंडारण करने और उसके इस्तेमाल को लेकर अधिक जवाबदेह बनाना है। सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए कहा था कि निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, जिसके बाद डेटा प्रोटेक्शन बिल पर काम शुरू हुआ। सरकार के मुताबिक इस बिल के पारित होने के बाद सोशल मीडिया और अन्य कंपनियों द्वारा भारतीय नागरिकों के डेटा का इस्तेमाल करने संबंधी मनमानी खत्म हो जाएगी। साथ ही ऐसा करने पर इन कंपनियों पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।