MI-17 V5 क्रैश: हेलीकॉप्टर हादसे में घायल बिपिन रावत ने जानिए कहां से की पढ़ाई और कब मिली सीडीएस की कमान

नई दिल्लीः तमिलनाडु के कुन्नर में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने से 4 लोगों की जान चली गई है, जबकि कई के घायल होने की खबर आ रही है। दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ सवार थे, जिन्हें घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सीडीएस बिपिन रावत के स्वस्थ होने की हर कोई कामना कर रहा है। अगर उनके जीवन की बात की जाए तो वह काफी होनहार छात्रों में शामिल रहे हैं, जिन्होंने मेहनत के दम पर बड़ा मुकाम हासिल किया। मेहनत और काबिलियत के दम पर ही 1 जनवरी 2020 को देश में पहली बार सीडीएस की नियुक्ति हुई थी, जिसमें रावत तैनाती दी गई थी। इससे पहले रावत 27वें थल सेनाध्यक्ष थे। 2016 में वो आर्मी चीफ बने थे।
- जानिए कहां से की रावत ने पढ़ाई
बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ। वे 1978 से भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जरनल बिपिन रावत, सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के पूर्व छात्र हैं। उन्हें दिसंबर 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से ग्यारह गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें 'स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर 'से सम्मानित किया गया था। उनके पास आतंकवाद रोधी अभियानों में काम करने का 10 वर्षों का अनुभव भी प्राप्त है।
वहीं, जनरल बिपिन रावत को उच्च ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र, और आतंकवाद रोधी अभियानों में कमान संभालने का अनुभव है। उन्होंने पूर्वी क्षेत्र में एक इन्फैंट्री बटालियन की कमान संभाली है। एक राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर और कश्मीर घाटी में एक इन्फैंट्री डिवीजन की भी कमान संभाली है। उन्हें वीरता और विशिष्ट सेवाओं के लिए यूआईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम के साथ सम्मानित किया जा चुका है।
वहीं, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे रावत 16 दिसंबर 1978 में गोरखा राइफल्स की फिफ्थ बटालियन में शामिल हुए। यहीं उनके पिता की यूनिट भी थी। दिसंबर 2016 में भारत सरकार ने जनरल बिपिन रावत से वरिष्ठ दो अफसरों लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीन बक्शी और लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारिज को दरकिनार कर भारतीय सेना प्रमुख बना दिया।