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नोएडा समेत कई स्थानों पर विभिन्न व्यवसायिक समूहों के ठिकानों पर छापेमारी

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 केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को मुंबई, नोएडा समेत कई स्थानों पर विभिन्न व्यवसायिक समूहों के ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में बड़ी संख्या में अघोषित विदेशी बैंक खातों और संपत्तियों का पर्दाफाश हुआ। सीबीडीटी ने 30 सितम्बर को केबल निर्माण, रियल एस्टेट, कपड़ा, प्रिंटिंग मशीनरी, होटल, लॉजिस्टिक्स जैसे कई व्यवसायों में शामिल समूहों और लोगों के महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के 37 परिसरों में यह छापेमारी की। आयकर विभाग ने सोमवार को यह जानकारी दी।

आयकर विभाग ने जारी बयान में कहा कि कुछ लोगों और समूहों ने अपनी बेहिसाब संपत्ति को वैध करने के लिए संदिग्ध विदेशी कंपनियां बनाई, जिसके लिए दुबई स्थित एक वित्तीय कंपनी की सेवाएं ली थी। इसी संबंध में आयकर विभाग ने यह बड़ी कार्रवाई की है। विभाग के मुताबिक आयकर अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान दो करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए और 50 बैंक खातों को सील कर दिया है। विभाग के मुताबिक इस छापेमारी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज, डायरी, ई-मेल और अन्य डिजिटल सबूत मिले हैं, जो बड़ी संख्या में विदेशी बैंक खातों और अचल संपत्तियों के स्वामित्व का संकेत देते हैं। ऐसी संपत्तियों की जानकारी आयकर विभाग को नहीं दी गई थी। आयकर विभाग ने कहा कि यह एक दशक में जमा हुए थे, जो स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मलेशिया और कई अन्य देशों के बैंक खातों में जमा पाए गए हैं।

आयकर विभाग ने कहा कि ‘इन व्यवसायिक समूहों और व्यक्तियों ने दुबई स्थित एक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी की सेवाओं का उपयोग विदेशी कंपनियों और ट्रस्टों का एक संदिग्ध और जटिल वेब बनाने के लिए किया है, जो कि मॉरीशस, यूएई, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, जिब्राल्टर जैसी जगहों पर अपनी बेहिसाब संपत्ति रखने के लिए हैं।’ विभाग ने दावा किया है कि दुबई स्थित वित्तीय सेवा प्रदाता द्वारा बनाए गए इन समूहों और व्यक्तियों के बैंक खातों में जमा की गई राशि 10 करोड़ डॉलर (करीब 750 करोड़ रुपये) से ज्यादा है।