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महाशिवरात्रि पर भूलकर न करें ये काम, क्रोधित हो जाएंगे भोलेनाथ

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महाशिवरात्रि पर भूलकर न करें ये काम, क्रोधित हो जाएंगे भोलेनाथ

महाशिवरात्रि के पर्व को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन भक्त भगवान शिव का व्रत रखते हैं और उनसे अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं।

माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।

1. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को यदि प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें। इस दिन काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है।

2. ऐसी मान्यता है कि भक्तजनों को शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे दुर्भाग्य आता है। ऐसा करने से धन हानि और बीमारियां भी हो सकती हैं।

3. शिवलिंग पर कभी भी तुलसी नहीं चढ़ाएं। शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से पहले यह ध्यान रखें कि पाश्चुरीकृत या पैकेट का दूध इस्तेमाल ना करें और शिवलिंग पर ठंडा दूध ही चढ़ाएं. अभिषेक हमेशा ऐसे पात्र से करना चाहिए जो सोना, चांदी या कांसे का बना हो। अभिषेक के लिए कभी भी स्टील, प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग ना करें।

4. भगवान शिव को भूलकर भी केतकी और चंपा फूल नहीं चढ़ाएं। ऐसा कहा जाता है कि इन फूलों को भगवान शिव ने शापित किया था। केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद भोलेनाथ की पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए।

5. शिवरात्रि का व्रत सुबह शुरू होता है और अगली सुबह तक रहता है। व्रती को फल और दूध ग्रहण करना चाहिए। हालांकि सूर्यास्त के बाद आपको कुछ नहीं खाना चाहिए।

6. भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाना चाहिए। अक्षत का मतलब होता है- अटूट चावल, यह पूर्णता का प्रतीक है। इसलिए शिव जी को अक्षत चढ़ाते समय यह देख लें की चावल टूटे हुए तो नहीं हैं।

7. शिवलिंग पर सबसे पहले पंचामृत चढ़ाना चाहिए। पंचामृत यानी दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल से बना हुआ मिश्रण। जो लोग चार प्रहर की पूजा करते हैं उन्हें पहले प्रहर का अभिषेक जल, दूसरे प्रहर का अभिषेक दही, तीसरे प्रहर का अभिषेक घी और चौथे प्रहर का अभिषेक शहद से करना चाहिए।

8. शिवरात्रि पर तीन पत्रों वाला बेलपत्र शिव को अर्पित करें और डंठल चढ़ाते समय आपकी तरफ हो। टूटे हुए या कटे-फटे बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए।

9. भगवान शिव को दूध, गुलाब जल, चंदन, दही, शहद, घी, चीनी और जल का प्रयोग करते हुए तिलक लगाएं। भोलेनाथ को वैसे तो कई फल अर्पित किए जा सकते हैं, लेकिन शिवरात्रि पर बेर जरूर अर्पित करें। क्योंकि बेर को चिरकाल का प्रतीक माना जाता है।

10. ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति पर केवल सफेद रंग के ही फूल ही चढ़ाने चाहिए। क्योंकि भोलेनाथ को सफेद रंग के ही फूल प्रिय हैं। शिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए चंदन का टीका लगा सकते हैं। शिवलिंग पर कभी भी कुमकुम का तिलक ना लगाएं। हालांकि भक्तजन मां पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति पर कुमकुम का टीका लगा सकते हैं।

11. इस दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए। जल्दी उठ जाएं और बिना स्नान किए कुछ भी ना खाएं। व्रत नहीं है तो भी बिना स्नान किए भोजन ग्रहण नहीं करें।

 महाशिवरात्रि का चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 18 फरवरी 2023 को रात 08 बजकर 02 मिनट पर होगी और इसका समापन 19 फरवरी 2023 को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर होगा।

निशिता काल का समय – 18 फरवरी, रात 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक
प्रथम पहर पूजा समय – 18 फरवरी, शाम 06 बजकर 40 मिनट से रात 09 बजकर 46 मिनट तक
द्वितीय पहर पूजा समय – रात 09 बजकर 46 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक
तृतीय पहर पूजा समय – 19 फरवरी, रात 12 बजकर 52 मिनट से 03 बजकर 59 मिनट तक
चतुर्थ पहर पूजा समय -19 फरवरी, 03 बजकर 59 मिनट से सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक
पारण का समय – 19 फरवरी 2023, सुबह 06 बजकर 10 मिनट से दोपहर 02 बजकर 40 मिनट तक