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India Open: भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने फहराई विजय पताका, विश्व विजेता को मात देकर जीता खिताब

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India Open: भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने फहराई विजय पताका, विश्व विजेता को मात देकर जीता खिताब

भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) ने रविवार को बड़ा उलटफेर करते हुए विश्व चैंपियन लोह कीन यीव (Loh Kean Yew) को फाइनल में हराकर
(India Open-2022) के पुरुष एकल वर्ग का खिताब अपने नाम कर लिया है.

लक्ष्य ने ये मैच 24-22, 21-17.लक्ष्य ये खिताब जीतने वाले तीसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं. उनसे पहले 1981 में प्रकाश पादुकोण और फिर 2015 में किदांबी श्रीकांत ने पहला सुपर 500 चैंपियनशिप खिताब जीता था. लक्ष्य ने पिछले साल ही विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम कर चमक बिखेरी थी. अब उन्होंने अपनी झोली मे ये खिताब डाला.

ये मैच पिछले साल खेले गए डच ओपन के फाइनल का रिपीट टेलीकास्ट साबित हुआ. इस मैच से पहले दोनों खिलाड़ियों का रिकॉर्ड 2-2 था. लक्ष्य को सिंगापुर के खिलाड़ी के खिलाफ बीते तीन मैचों में से दो में मात मिली थी. लेकिन रविवार को लक्ष्य ने बेहतर खेल दिखाया. लक्ष्य ने विश्व विजेता के सामने आक्रामक शॉट्स खेले और जीत हासिल की. लक्ष्य ने ये मैच 54 मिनट में अपने नाम किया.

पहले गेम से रहे हावी

लक्ष्य ने शानदार ढंग से रैलियों को नियंत्रित किया और लोह को शुरू से दबाव में रखा. लक्ष्य ने जल्द ही 16-9 की लीड ले ली. लोह हालांकि लय हासिल करते नजर आ रहे थे. इन सबके बावजूद लक्ष्य ने गेम पर अपना नियंत्रण बनाए रखा और एक समय 19-14 की लीड ले ली. विश्व चैम्पियन ने हालांकि इसके बाद वापसी की और मुकाबले को टाई ब्रेकर तक ले गए लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने छह लगातार अंक लेते हुए गेम अपने नाम किया. लक्ष्य ने इनमें से दो गेम प्वाइंट सेव किए, एक बेकार किया लेकिन बावजूद इसके वह संयमित बने रहे और फिर विजेता बनकर उभरे.

ऐसा रहा दूसरा गेम

दूसरा गेम काफी कांटे का रहा. शुरुआत में दोनों खिलाड़ियों ने लम्बी रैलियां खेलीं. सिंगापुर के लोह ने पेस पकड़ी और हावी होते दिखे और इसी कारण लोह अधिक से अधिक अंक पाने के प्रयास में गलतियां करते देखे गए. अपने इस प्रयास के दौरान लक्ष्य ने लगातार बड़े क्रॉस कोर्ट स्मैश लगाए और इससे लोह को कभी सहज होने का मौका नहीं मिला. इनमें से एक स्मैश लोह की बाईं ओर और एक लोह की दाईं ओर गया. इसी के साथ सेन ने लोह को हराकर इतिहास रच दिया.

सेन ने मैच के बाद कहा, “यह एक महत्वपूर्ण पहला गेम था। मैं आगे चल रहा था और फिर स्कोर 20-20 हो गया। लेकिन मैं पहला गेम खींचने में कामयाब रहा और इससे मुझे काफी आत्मविश्वास मिला।”

रंकीरेड्डी और चिराग को भी मिली जीत

लक्ष्य से पहले भारत के सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने पुरुष युगल खिताब अपने नाम किया. भारतीय जोड़ीदारों ने एचएसबीसी बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर टूर्नामेंट सीरीज के तहत खेले गए इस टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले न सिर्फ खिताब जीता बल्कि अपने से ऊंची रैंक वाले खिलाड़ियों को भारी दबाव में डाल दिया. दूसरी वरीयता प्राप्त भारतीयों ने दूसरे गेम में पांच गेम अंक बचाए और शीर्ष वरीयता प्राप्त हेंड्रा सेतियावान और मोहम्मद अहसान को 21-16, 26-24 से हराकर अपना दूसरा सुपर 500 खिताब जीता.

थाईलैंड की खिलाड़ी ने जीता महिला एकल खिताब

इससे पहले, थाईलैंड की दूसरी वरीयता प्राप्त बुसानन ओंगबामरुंगफान ने हमवतन सुपनिदा कटेथोंग को 22-20, 19-21, 21-13 से हराकर महिला एकल का खिताब अपने नाम किया. थाईलैंड की बेन्यापा और नुंतकर्ण एमसार्ड ने रूस की अनास्तासिया अक्चुरिना और ओल्गा मोरोजोवा को 21-13, 21-15 से हराकर महिला युगल खिताब जीता, जबकि ही योंग काई टेरी और टैन वेई हान की सिंगापुर की पति-पत्नी की जोड़ी ने मलेशिया की तीसरी वरीयता प्राप्त चेन टैंग जी और पेक येन को मिश्रित युगल के फाइनल में वेई 21-15, 21-18 से हराया.