Sakat Chauth 2022 : दुर्भाग्य का नाश और सौभाग्य में वृद्धि करती है भगवान श्रीगणेश की ये स्तुति, आज के दिन जरूर करें

हर माह की चतुर्थी तिथि प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश (Lord Ganesha) को समर्पित होती है. ऐसे में माघ मास (Magh Month) की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तो बेहद खास है.
ये है गणपति की स्तुति
सरागिलोकदुर्लभं विरागिलोकपूजितं
सुरासुरैर्नमस्कृतं जरापमृत्युनाशकम्
गिरा गुरुं श्रिया हरिं जयन्ति यत्पदार्चकाः
नमामि तं गणाधिपं कृपापयः पयोनिधिम्
गिरीन्द्रजामुखाम्बुज प्रमोददान भास्करं
करीन्द्रवक्त्रमानताघसङ्घवारणोद्यतम्
सरीसृपेश बद्धकुक्षिमाश्रयामि सन्ततं
शरीरकान्ति निर्जिताब्जबन्धुबालसन्ततिम्
शुकादिमौनिवन्दितं गकारवाच्यमक्षरं
प्रकाममिष्टदायिनं सकामनम्रपङ्क्तये
चकासतं चतुर्भुजैः विकासिपद्मपूजितं
प्रकाशितात्मतत्वकं नमाम्यहं गणाधिपम्
नराधिपत्वदायकं स्वरादिलोकनायकं
ज्वरादिरोगवारकं निराकृतासुरव्रजम्
कराम्बुजोल्लसत्सृणिं विकारशून्यमानसैः
हृदासदाविभावितं मुदा नमामि विघ्नपम्
श्रमापनोदनक्षमं समाहितान्तरात्मनां
सुमादिभिः सदार्चितं क्षमानिधिं गणाधिपम्
रमाधवादिपूजितं यमान्तकात्मसम्भवं
शमादिषड्गुणप्रदं नमामि तं विभूतये
गणाधिपस्य पञ्चकं नृणामभीष्टदायकं
प्रणामपूर्वकं जनाः पठन्ति ये मुदायुताः
भवन्ति ते विदां पुरः प्रगीतवैभवाजवात्
चिरायुषोऽधिकः श्रियस्सुसूनवो न संशयः
जानिए इस स्तुति को करने का तरीका
गणपति की आराधना को शुरू करने के लिए चतुर्थी का दिन बेहद शुभ है. इस दिन आप सुबह उठकर स्नानादि के बाद गणपति का विधि विधान से पूजन करें. उसके बाद संतान के सुखी जीवन की कामना के साथ पूरी श्रद्धा से इस गणेश स्तुति को 7 या 11 बार पढ़ें. इसके बाद नियमित रूप से इसे रोजाना पूजा के समय पढ़ना शुरू करें. कुछ ही समय में आपकी संतान की हर मुसीबत और बाधाएं दूर होने लगेंगी और बिगड़े काम भी बनने लगेंगे. उसे उसकी मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त होगा. इससे उसके जीवन में खुशियों का वास होगा.
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