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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड का किया उद्घाटन

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 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड का किया उद्घाटन

जयपुर : रविवार को राजस्थान के दौसा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड का उद्घाटन किया।

इसके बाद पीएम ने दौसा में एक जनसभा को भी संबोधित किया और कहा कि देश के बच्चे-बच्चे का यह सपना रहा है कि भारत दुनिया में किसी से कम नहीं है। हम इसी संकल्प के साथ आगे भी बढ़ रहे हैं।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, "राजस्थान की धरती शूरवीरों की है। यहां का बच्चा-बच्चा मां भारती की रक्षा और समृद्धि के लिए समर्पित है। यहां के बच्चे बच्चे का सपना रहा है कि भारत दुनिया में किसी से भी कम ना हो। विकसित भारत बनने के लिए भारत का तेज विकास जरूरी है इसके लिए आने जाने के साधनों का तेज होना जरूरी है I

पीएम ने कहा, "आज देश और राजस्थान के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है। 2014 में जब हमारी सरकार आई थी तब प्रधानमंत्री से हमे देश के विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर की अनेक योजनाओं की प्रेरणा मिली। पहली योजना भारत माला दूसरी योजना सागर माला और तीसरी योजना पर्वत माला थी।"

बीते 9 वर्षों से केंद्र सरकार रोड, रेल, गरीबों के लिए घर, हर घर में जल, बिजली ऐसे हर इंफ्रास्ट्रक्चर पर पैसा खर्च कर रही है। इस बार के बजट में भी गांव, गरीब की सुविधाएं बढ़ाने के लिए सबसे अधिक बल इंफ्रास्ट्रक्चर पर दिया गया है। दशकों तक राजस्थान को कुछ लोगों ने बीमारू राज्य कहकर के चिढ़ाया है। लेकिन भाजपा राजस्थान को विकसित भारत का सबसे मजबूत आधार बना रही है।"

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे 1,386 किलोमीटर लंबा होगा। अभी इसके पहले खंड का उद्घाटन किया गया है जो 246 किलोमीटर लंबा है। इसके बनने के बाद दिल्ली से जयपुर का पांच घंटे का सफर महज साढ़े तीन घंटे में पूरा हो सकेगा। पूरा बनने के बाद दिल्ली से मुंबई तक का सफर का 24 घंटे से घटकर 12 घंटे का हो जाएगा। 1,386 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे को 98,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।

दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के छह राज्यों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे पर रास्ते के किनारे पेट्रोल पंप, मोटल, विश्राम क्षेत्र, रेस्तरां और दुकानें होंगी। इन वे साइड सुविधाओं में चिकित्सा आपात स्थिति के मामले में संपर्क बढ़ाने और लोगों को निकालने के लिए हेलीपैड भी इस एक्सप्रेस-वे पर होंगे।